हैम्बर्ग। जी- 20 सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मुद्दा पर अमेरिका के अलग-थलग पड़ने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शिखर सम्मेलन को अत्याधिक सफल बताया। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
एक संयुक्त बयान में 18 देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं ने पेरिस जलवायु समझौते पर अमेरिका के निर्णय को मान्यता दे दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जी -20 के अन्य सदस्य “अपरिवर्तनीय समझौते” के लिए प्रतिबद्ध रहें। विदित हो कि पेरिस जलवायु समझौता पर गतिरोध बना हुआ था, लेकिन सम्मेलन के आखिरि दिन इस मुद्दे पर बातचीत हुई और आम सहमति भी बन गई। इसके बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया।
बयान में यह भी कहा गया है कि, अमेरिका “अन्य देशों के साथ मिलकर, जीवाश्म ईंधन के और अधिक कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करने के प्रयास में मदद करेगा।” उल्लेखनीय है कि ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए पेरिस जलवायु समझौता एक सुनियोजित प्रयास है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा का जिक्र करते हुए कम लागत वाली विश्वस्तरीय तकनीकों के विकास, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति के तहत होने वाले प्रयास को रेखाकिंत किया।
उन्होंने महिलाओं के रोजगार की वकालत करते हुए कहा कि उन्हें सशक्त बनाए विना विकास का संभव नहीं है। उन्होंने एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस के मद्देनजर भारत की नई स्वास्थय नीति की चर्चा की और स्वास्थय के लिए योग के महत्व का उल्लेख किया। अफ्रीका और प्रवास विषय पर आयोजित सत्र में प्रधानमंत्री ने जी20 से अफ्रीका को वित्तिय एंव बहुस्तरीय सा
झेदारी की बात कही और क्षमता विकास और समाजिक भौतिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया।