इस साल आज पहला सूर्यग्रहण है हालांकि बात करें ग्रहण की तो ये तीसरा ग्रहण है। देश के अलग-अलग हिस्सों में सूर्यग्रहण का अलग-अलग नजारा
नई दिल्ली। इस साल आज पहला सूर्यग्रहण है हालांकि बात करें ग्रहण की तो ये तीसरा ग्रहण है। देश के अलग-अलग हिस्सों में सूर्यग्रहण का अलग-अलग नजारा देखने को मिल रहा है। दिल्ली में बादल होने के कारण सूर्यगह्रण साफ तौर पर नहीं देखा जा सकता। वहीं सूर्यग्रहण से पहले सूतक लग गया है। जिसके चलते मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
बता दें कि वैसे तो कोरोना महामारी अपने आप में एक ऐसी खगोलीय घटना है जिससे पूरा देश नुकसान उठा रहा है। ये सूर्य ग्रहण वलयाकार है। जो पृथ्वी पर बहुत ही कम देखने को मिलता है। जब सूर्य ग्रहण अपने चरम पर होगा तब ये एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देगा। ये न तो आंशिक ग्रहण है और पूर्ण।
बता दें कि इस सूर्य ग्रहण को उत्तर भारत में आसानी से देका जा सकता है। इस ग्रहण को राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, कुरूक्षेत्र, चमौली, सिरसा, सूरतगढ़ में भी इसे देखा जा सकेगा। अगर आप भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखना चाहते हैं तो आप NASA के ट्रैक पर पर इसे देख सकते हैं।
बता दें कि 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है और आज ही ये ग्रहण लग रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
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वहीं जिसके चलते सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है। ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य शुरु नहीं किया जाता, साथ ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
आज लग रहे ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढक लेगी। ऐसे में सूर्य के किनारे वाला हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा।
साथ ही इस ग्रहण को राजधानी दिल्ली, बिहार और महाराष्ट्र समेत देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा। इस ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व दिया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना। ग्रहण मृगशिरा, आद्र्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा।