नई दिल्ली। भारत के राजनीतिक गलियारों और आम धरातल पर इन दिनों तीन तलाक के मुद्दे पर लगातार बातचीत हो रही है। एक तरफ मुस्लिम महिलाओं के हित की बात हो रही हैं तो दूसरी तरफ योगी के अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई किए जाने के बाद गोहत्या को भारत में बैन करने की आवाज एक के बाद एक उठ रही है। इसी बीच ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड तीन तलाक और गोहत्या के समर्थन में आया है।
बनें कानून
ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड का कहना है कि भारत में तीन तलाक और गोहत्या पर बैन लगना चाहिए। बोर्ड ने इस बात पर सहमति जताई कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए एक अलग से कमेटी बनाई जानी चाहिए। साथ ही कहा है कि सच्चर कमेटी जैसी कोई कमेटी महिलाओं के बनाई जानी चाहिए।
तीन तलाक पर राय
तीन तलाक को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कानून बनाए जाने के विरोध में है। बोर्ड का कहना है कि तीन तलाक पर कानून उनके धार्मिक मामलों में दखल है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से तीन तलाक के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज करने की मांग भी
राम मंदिर पर रखी राय
तीन तलाक, गोहत्या के अलावा अयोध्या में राम मंदिर मसले पर राय रखते हुए कहा है कि जैसा की सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इस मामले को आपसी बातचीत से सुलझाया जा सकता है।
संवैधानिक पीठ करेगी तीन तलाक पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मुद्दे पर हो रही सुनवाई को संवैधानिक पीठ को रेफर किया गया है। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले को संवैधानिक पीठ को सौंपते हुए कहा कि अब इस मामले में 11 मई को सुनवाई होगी। अटॉर्नी जनरल ने मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टी से पहले शुरू करने का अनुरोध किया लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कर रहा है विरोध
तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि तीन तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामें में यह बात कही है। हलफनामें में कहा गया है कि अगर इसे खत्म किया गया तो मर्द अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए उसे जलाकर मार सकता है या फिर उसका कत्ल कर सकता है।