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पंजाब-कर्नाटक में फैली कर्जमाफी की आग, कर्जमाफी के साथ फसल की पूरी कीमत मिलनी चहिए- केजरीवाल

KISAN AND KEJRIWAL पंजाब-कर्नाटक में फैली कर्जमाफी की आग, कर्जमाफी के साथ फसल की पूरी कीमत मिलनी चहिए- केजरीवाल

किसानों की कर्जमाफी की आग अब एक राज्य से दूसरे राज्य में फैलने लगी है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ अब कर्ज माफी को लेकर पंजाब और कर्नाटक में किसान सड़कों पर उतरने लगे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की देख कर महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया है। ऐसे में अब और राज्य के किसान अपनी कर्ज माफी की मांग को लेकर सड़कों पर आने लगे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान सड़कों पर उतरने वाले हैं। हालांकि अब देखना यह होगा की यूपी और महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्जा माफी के लिए हां तो भर दी है लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आने वाला है।

KISAN AND KEJRIWAL पंजाब-कर्नाटक में फैली कर्जमाफी की आग, कर्जमाफी के साथ फसल की पूरी कीमत मिलनी चहिए- केजरीवाल

वही किसानों की कर्ज माफी के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से यह बयान आया है कि किसानों को कर्ज माफी के साथ उन्हें फसल की पूरी कीमत दी जानी चाहिए। केजरीवाल का कहना है कि किसानों का भला करना सिर्फ कर्ज माफी से संभव नहीं है, अगर किसानों का भला करना ही है तो स्वामीनाथन आयोग की शिफारिश के बाद किसानों को उनकी फसल की पूरी कीमत भी दी जानी चाहिए।

अलग अलग राज्यों में हो रही किसानों की कर्ज माफी की मांग से राज्य और बीजेपी सरकार चौतरफ घिरी हुई है। किसानों की मांग पूरी ना किए जाने के मुद्दे को आधार बनाकर विपक्षी पार्टियां बीजेपी को घेरने में लगी हुई है इसके साथ ही विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है। आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले में तेज होने के साथ ही बीजेपी पर केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि, उद्योगपित का 35 हजार करोड़ रुपए का बकाया माफ कर दिया जोकि किसानों के कर्ज से कई हद तक बड़ी रकम है।

महाराष्ट्र में खेती छोड़कर किसान लगभग 10 दिन से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार किसानों के सामने झुक गई है और सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की मांग को स्वीकार कर लिया है। सरकार ने फैसला किया है कि जिस किसान के पास 5 एकड़ जमीन है उसका कर्ज तत्काल माफ किया जाएगा। लेकिन जिन किसानों के पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है उनके कर्ज माफी की मांग को सुलझाने के लिए एक समिति बनाई गई है। सरकार ने फैसला किया है कि इस साल फसलों के लिए कर्ज फौरन दे दिया जाएगा। सरकार ने दूध का दाम बढ़ाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया है। वही सरकार ने यह फैसला भी किया है कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उसे वापस लिया जाएगा।

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