featured बिहार

पटना हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा फीस लेने के संबंध में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

patna hc पटना हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा फीस लेने के संबंध में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए जहां एक तरफ कुछ शर्तों के साथ दुकानें, ऑफिस और अन्य गतिविधियों को खोलने की अनुमति केंद्र सरकार..

पटना। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए जहां एक तरफ कुछ शर्तों के साथ दुकानें, ऑफिस और अन्य गतिविधियों को खोलने की अनुमति केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से दी गई है, वहीं दूसरी तरफ शिक्षण संस्थानों को फिलहाल बंद ही रखने के निर्देश दिए हैं। स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन क्लासेज के जरिए छात्रों का सिलेबस पूरा कराने में जुटे हुए हैं।

बता दें कि उधर, पिछले काफी वक्त से स्कूल बंद होने के चलते अभिभावकों की ओर से स्कूल फीस न देने का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया जा रहा है, जिसका विरोध स्कूल प्रबंधकों की ओर से किया जा रहा है। बिहार में भी यह मुद्दा काफी गरम है। स्कूल प्रबंधक इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा रहे हैं। मगर उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है।

दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों द्वारा फीस लेने के संबंध में डीएम,पटना के निर्देश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि सेंट पॉल इंटरनेशनल स्कूल की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को अगर ज्यादा परेशानी है, तो वे डीएम एवं आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। वे विचार कर 4 सप्ताह में उचित निर्णय ले सकते हैं।

https://www.bharatkhabar.com/encounter-between-security-forces-and-terrorists-in-jk/

क्या है मामला

पटना के डीएम ने कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में बंद किए गए प्राइवेट स्कूलों के लिए 10 अप्रैल को आदेश जारी किया था। इसमें स्कूलों के प्रबंधकों से कहा गया था कि वे अभिभावकों से 3 महीने की जगह 1 महीने की ही ट्यूशन फीस लें। इसके अतिरिक्त अन्य चार्ज न लें। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए वाट्स ऐप, ईमेल आदि की सुविधाएं दें। साथ ही डीएम ने स्कूल प्रबंधकों से कहा कि उनके स्कूल में जो कर्मचारी एवं अन्य स्टाफ हैं उन्हें वेतन देने में भी कोई कटौती न करें। इस आदेश के खिलाफ सेंट पॉल इंटरनेशनल स्कूल ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जिला प्रशासन के आदेश को रद्द कराने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं दी।

Related posts

लालू यादव को बड़ा झटका! चारा घोटाला के पांचवे मामले में सीबीआई कोर्ट ने किया दोषी करार, 24 लोग बरी

Neetu Rajbhar

नोटबंदी के ढाई महीने बाद भी आरबीआई के पास नहीं है बंद नोटों के आंकड़े

Rahul srivastava

बिहार: कैदी पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को सुरक्षा की दरकार

bharatkhabar