उल्का पिंड को लेकर अकसर खबर कम और चेतावनी ज्यादा आती है। जिसकी वजह लोगों की उत्सुकता उल्का पिंड के बारे में जानने को लेकर बढ़ गई है। लेकिन क्या आपको पता है, सभी उल्का पिंड खतरनाक नहीं होते हैं और न ही इनके टकराने से पृथ्वी का विनाश होता है। अकसर उल्का पिंड एक साथ आसमान पर देखने को मिलते हैं। जिन्हें देखकर लगता है कि, आसमान पर मानों जैसे आतिशबाजी हो रही है। अगर आपने आडज से पहले ये खूबसूरत नजारा नहीं देखा तो आपके लिए बेहतरीन मौका है। आप आज और कल उल्का पिंड की आतिशबाजी आसमान पर देख सकते हैं।
मौसम अगर साफ रहा तो आज की रात यानी 28 से 31 जुलाई तक रात में आकाश में होने वाली प्राकृतिक आतिशबाजी आप देख सकेंगे। खासकर 29 और 30 जुलाई की रात उल्का पिंडों की बारिश अधिक होगी। इससे आसमान अधिक चमकदार दिखेगा। इसे शहर के बाहर जाकर बेहतर ढंग से देखा जा सकता है, क्योंकि वहां रोशनी कम रहेगी। इसको लेकर लोगों में उत्सुकता भी है।जवाहर तारा मंडल के निदेशक डॉ. वाई. रवि किरण ने बताया कि प्रति घंटे 15 से 20 उल्का पिंडों की बारिश होगी। इस समय चंद्रमा का आकार बड़ा हो रहा है, जिससे उसकी चमक भी अधिक फैल रही है। जब चंद्रमा अस्त हो जाएगा तो उसके बाद इन उल्का पिंडों की चमक जरूर दिखेगी। जब तक चंद्रमा की चमक रहेगी तब तक उल्का पिंडों की बारिश देख पाना कठिन है। रात में 12 बजे के बाद इस घटना को देखा जा सकेगा। लोगों के लिए यह काफी उत्सुकता का विषय रहेगा।
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डॉ. वाई. रवि किरण ने बताया कि ने बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य के चक्कर लगाती है। इस दौरान सोलर सिस्टम में मौजूद छोटे खगोल पिंडों के मलबे पृथ्वी के वायुमंडल में जब प्रवेश करते हैं तो घर्षण होता है। इससे वे जल जाते हैं और चमक फैलती है। और ये चमक इतनी शानदार होती है कि, ऐसा लगता है मानों आसमान पर आतिशबाजी हो रही हो। जिसे देखने के लिए वैज्ञानिक हों या कोई आम इंसान सभी उत्सुक रहते हैं। अगर आप भी इस खूबसूरत नजारे को देखना चाहते हैं तो रात के 12 बजे के बाद इसे देखें।