featured धर्म

5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण पृथ्वी पर पड़ेगा भारी, जाानिए कैसे आएंगी नई मुसीबतं?

moon 3 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण पृथ्वी पर पड़ेगा भारी, जाानिए कैसे आएंगी नई मुसीबतं?

5 जून यानि की कल चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। जिसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। इस बार का चंद्रग्रहण आने वाले समय की मुसीबतों को चेता रहा है। ये चंद्रग्रहण साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है इससे पहले 10 जनवरी को लगा था।

वहीं, 05 जुलाई को फिर तीसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं, जून में ही 21 तारीख को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। खास बात ये है कि ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे, जो ग्रहण कल शुक्रवार की रात में लग रहा है ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा।जिसकी शुरुआत 5 जून की रात 11:16 बजे से हो जायेगी और इसकी समाप्ति 6 जून को 02:32 मिनट पर होगी। ग्रहण रात 12:54 बजे अपने अधिकतम प्रभाव में हो सकता है। उपछाया चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है, इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।

ग्रहण के समय भूलकर भी न करें ये काम
ग्रहण लगने पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। इस समय खाने पीने की मनाही होती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति, छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं, साथ ही यह जरूर ध्यान रखें कि सूतक काल लगने से पहले ही भोजन में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें, जिससे ग्रहण काल में जरूरत पड़ने पर इसे खाने का इस्तेमाल किया जा सके।
सूतक काल के समय मन ही मन में ईश्वर की अराधना करनी चाहिए। इस दौरान मंत्र जाप कर सकते हैं। वहीं सूतक काल के दौरान किसी भी स्थिति में भूलकर भी तुलसी के पौधे को छूना नहीं चाहिए।

5 जून को इन बातों का रखें ख्याल
घरों में ग्रहणकाल में धूप-अगरबत्ती जलाकर रखें, जिससे कि निगेटिव एनर्जी घर से बाहर निकल जाए।
ग्रहणकाल में कैंची का प्रयोग न करें, फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, गाय, भैंस, बकरी का दोहन न करें।
भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें, सहवास ना करें, यात्रा न करें।
कुशा या तुलसी पत्र ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं जैसे पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए इससे ये दूषित नहीं होते।

चंद्र ग्रहण के समय कौन लोग रहें सावधान?
इस बार का चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन कोई भी कार्य करने पर प्रतिबंध नहीं होगा। इस ग्रहण में चंद्रमा वृश्चिक राशि में ज्येष्ठ नक्षत्र में लगने वाला है। वृश्चिक राशि के लोगों को चंद्र ग्रहण के समय सावधान रहने की जरूरत है।

चंद्र ग्रहण लगता क्यों है?
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय स्थिति है। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है और जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है। जब पृथ्वी सूर्य की किरणों को पूरी तरह से रोक लेती है तो उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं लेकिन जब चंद्रमा का सिर्फ एक भाग छिपता है तो उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं।

चंद्रग्रहण का समय

चंद्र ग्रहण का समय शुरू – 5 जून को रात को 11.15
परमग्रास चन्द्र ग्रहण – 6 जून को दिन के 12.54 बजे
उपछाया चंद्र ग्रहण से अन्तिम स्पर्श – 2.34 बजे
चंद्र ग्रहण का कुल समय – 3 घंटे और 18 मिनट

पृथ्वी पर टूटेंगी आसमानी आफते
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दौरान देश के कई हिस्सों में आंधी, तुफान, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा आने की संभावना बढ़ गई है। ज्योतिष के अनुसार इस समय कई ग्रह वक्री अवस्था में है, इस दौरान कई ग्रह राशि भी परिवर्तन करने वाले है। इन सभी ग्रहों का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ने वाला है। ज्योतिषियों का कहना है कि, इस दौरान कई सारी प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल सकती हैं।

Related posts

कर्नाटक चुनाव में औंधे मुंह गिरने के बाद अब राजस्थान पर ‘आप’ की निगाहें

mohini kushwaha

जिन्ना का महिमामंडन कर घेरे में आए अखिलेश यादव, भाजपा ने कहा सपा कर रही है तुष्टीकरण की राजनीति

Neetu Rajbhar

गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा करारा झटका, दो दिग्गज नेता AAP में हुए शामिल

Neetu Rajbhar