नई दिल्ली। आज लोहड़ी का त्यौहार है।लोहड़ी को पंजाब और हरियाणा में बहुत ज्यादा ही उल्लास के साथ मनाया जाता है।लोहड़ी का त्यौहार देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है।त्यौहार भारत की शान है। हर वक्त हम कुछ ना कुछ मनाते ही रहते हैं।आज लोहड़ी है और आपको बताते हैं लोहड़ी क्यों मनाई जाती है।
लोहड़ी मनाने का मुख्य उद्देश्य ये होता है कि इस समय खेत में पहली फसल कटती और ये किसानों के लिए बेहद ही खुशी का दिन होता है।जिस अन्न से हम अपना पेट भरते हैं उसकी पैदावार पर ही हम खुशियां मनाते हैं।लोहड़ी के दिन सभी गीत गाते हैं। शाम को लोग एक जगह इक्ट्ठा होते हैं और धान भगवान को चढ़ाकर नाचते-गाते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार लोहड़ी के दिन आग जलाने को लेकर माना जाता है कि यह आग्नि राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया और इसमें अपने दामाद शिव और पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया। इस बात से निराश होकर सती अपने पिता के पास जवाब लेने गई कि उन्होंने शिव जी को यज्ञ में निमंत्रित क्यों नहीं भेजा। इस बात पर राजा दक्ष ने सती और भगवान शिव की बहुत निंदा की। सती बहुत रोई, उनसे अपने पति का अपमान नहीं देखा गया और उन्होंने उसी यज्ञ में खुद को भस्म कर दिया। सती के मृत्यु का समाचार सुन खुद भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न कर उसके द्वारा यज्ञ का विध्वंस करा दिया।
लोहड़ी का त्यौहार पंजाबियों तथा हरयानी लोगो का प्रमुख त्यौहार माना जाता है। यह लोहड़ी का त्यौहार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू काश्मीर और हिमांचल में धूम धाम तथा हर्षो लाश के साथ मनाया जाता हैं। यह त्यौहार मकर संक्राति से एक दिन पहले 13 जनवरी को हर वर्ष मनाया जाता हैं।इस दिन लोग गुड़, गजक, पट्टी, चिक्की ,लाई, चुरा खाते हैं और एक दूसरे को ये ही भेंट देते हैं।