नई दिल्ली। भारत में रह रही मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट की 55 जजों की संवैधानिक बेंच इस मामले पर सुनवाई करके अपना फैसला सुना सकती है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तमाम पक्षकारों की राय 11 मई तक रखने के लिए कहा था ताकि हर मामले पर सुनवाई कर सकें और समस्याओं का हल निकाला जा सकें।
ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड ने किया समर्थन
ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड का कहना है कि भारत में तीन तलाक पर बैन लगना चाहिए। बोर्ड ने इस बात पर सहमति जताई कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए एक अलग से कमेटी बनाई जानी चाहिए ताकि शोषण को खत्म किया जा सकें।
हम खुद ही खत्म कर देंगे तीन तलाकः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
तीन तलाक पर जारी बवाल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सईद सादिक ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे 18 महीनों के अंदर इसे खत्म कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने इम मसले पर सरकार के दखल अंदाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में बाहर के दखल की जरूरत नहीं है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कर रहा है विरोध
तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि तीन तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामें में यह बात कही है। हलफनामें में कहा गया है कि अगर इसे खत्म किया गया तो मर्द अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए उसे जलाकर मार सकता है या फिर उसका कत्ल कर सकता है।
इलाहाबाद HC ने कहा महिलाओं का हनन
सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने से पहले इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से बड़ा नहीं हो सकता है। तीन तलाक का नियम महिलाओं के हितों का हनन है, महिलाओं के साथ हो रही इस क्रूरता को कोर्ट बर्दाश्त नहीं करेगा, कोर्ट ने कहा था कि कुरआन पाक भी तीन तलाक के कानून को सही नहीं मानता है।
पीएम बोले, ना हो राजनीति
तीन तलाक के मसले पर हो रही राजनीति पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि राजनेताओं को राजनैतिक दायरे और भेदभाव से बाहर निकलकर इसका समाधान करना होगा। मोदी ने कहा, “सदियों पहले से ही भारत में महिलाओं को अपनी बात कहने का हक दिया गया था। तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं हो। भारत से ही प्रबुद्ध मुसलमान निकलेंगे और इस मुद्दे का समाधान खोजेंगे। ये लोग तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और रास्ता निकालेंगे। आने वाली पीढ़ियों को इससे ताकत मिलेगी।”
संवैधानिक पीठ में हर धर्म के जज
सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को जो 5 जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करने वाली है उसमें सभी धर्म के जज मौजूद हैं।
पीठ के सदस्यों में सिख, ईसाई, पारसी, हिन्दू और मुस्लिम समुदाय से हैं। जिसमें चीफ जस्टिस जे. एस. खेहर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आर. एफ. नरिमन, जस्टिस यू. यू. ललित और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं।
किन मसलों पर सुनवाई करेगा SC?
ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला। इन मसलों पर पांच जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच सुनवाई करेगी। इस मसले का जल्द निपटारा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गर्मी की छुटि्टयों में रोज सुनवाई होगी।