केंद्र के साथ किसानों की बातचीत बेनतीजा रहने के एक दिन बाद, नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने कहा कि वो 26 जनवरी के लिए पूर्वाभ्यास के रूप में 7 जनवरी को पूर्वी और पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित करेंगे. तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार की बातचीत अब तक बेनतीजा रही है. इस सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चिंता जताई है. हालांकि, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध समाप्त होगा.
26 जनवरी को होगी ट्रैक्टर परेड
केंद्र के साथ अगले दौर की बातचीत आठ जनवरी को होनी है. पिछले हफ्ते अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के गेटों पर डेरा डाले किसान यूनियनों ने कहा था कि अगर 26 जनवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो किसान दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ का नेतृत्व करेंगे. किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार के साथ सात महीने में सातवें दौर की बातचीत विफल रही क्योंकि उन्होंने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से इनकार कर दिया है. हम 7 जनवरी को केएमपी एक्सप्रेसवे पर एक ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना के साथ आगे बढ़ेंगे.
आपको बता दें कि बीते 41 दिन से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने समेत अपनी मांगों को लेकर किसान डटे हुए हैं. अब तक किसानों और सरकार में आठ दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. अब 8 जनवरी को नौंवे दौर की वार्ता का इंतजार है. कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान, दोनों अपने-अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं है.