नई दिल्ली। 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां ईवीएम मशीन खराब होने की शिकायत कर रही हैं, ईवीएम के खराब होने की बातों को आयोग ने सिरे से खारिज किया था। इसी बीच चुनाव आयोग ने नई ईवीएम मशीनें खरीदने की बात कही है। आयोग ने दावा किया है कि अगर इन मशीनों से छेड़छाड की गई तो ये काम करना बंद कर देंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा जो मशीनें खरीदी जा रही हैं वो एम-3 टाइप की है। जो एक सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम के तहत काम करता है। बताया जा रहा है कि ये ईवीएम एटॉमिक एनर्जी पीएसयू ईसीआईएल या फिर डिफेंस सेक्टर का पीएसयू BEL बनाएगा। कोई भी दूसरी कंपनी ये नई ईवीएम नहीं बनाएगी।
कब तक बनकर तैयार होंगी?
ईवीएम की नई मशीनों के बारे में कानून मंत्रालय का कहना है कि लोकसभा चुनावों से पहले इन मशीनों को लॉन्च किया जाएगा। आंकडो़ं के मुताबिक ईवीएम की नई मशीनों पर सरकार को तकरीबन 1940 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
राज्यसभा में बोले मंत्री
बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में कानून मंत्रालय की ओर से लिखित जबाब देते हुए कहा गया है कि चुनाव आय़ोग द्वारा पिछले 3 वित्त वर्ष में एक भी ईवीएम नहीं खरीदी गई है। कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा, “इलेक्शन कमीशन ने सरकार को बताया था कि उन्होंने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के दौरान एक भी मशीन नहीं खरीदी।”