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अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने भारत के राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया नुकसान

mahatma gandhi अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने भारत के राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया नुकसान

इस वक्त पूरा अमेरिका हिंसा की आग में जल रहा है। वहां जगह-जगह जॉर्ज फ्लायड की हत्या को लेकर विरेध प्रदर्शन हो रहा है। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

वॉशिंगटन। इस वक्त पूरा अमेरिका हिंसा की आग में जल रहा है। वहां जगह-जगह जॉर्ज फ्लायड की हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि अमेरिका में अश्वेत नागरिक की हत्या के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। जिसके कारण अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया था।  इस घटना के चलते अमेरिका पुलिस पर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने का  आरोप लगा है। दरअसल अमेरिका पुलिस ने अश्वेत भेदभाव के चलते जॉर्ज फ्लायड को गाड़ी से खीच कर उनके गले को दबाकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद से पूरे देश में हिंसा भड़क गई और लोग इस घटना का विरोध करने लगे।

वहीं इसी के चलते प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया और उसका अपमान भी किया। अमेरिका में भले ही महात्मा गांधी की प्रतिमा एक मूर्ति के तौर पर लगी हो लेकिम भारत के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रपिता के रूप में माने जाते हैं। जिन्होंने भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए अपनी जान दाव पर लगा दी थी। बता दें कि फिलहाल अमेरिका पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है जिन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अपमान किया है। अमेरिका ने भारत से इस मामले में खेद जताते हुए मांफी भी मांगी है।

बता दें की भारतीय दूतावास ने अमेरिका के सामने इस बात को उठाया था कि महात्मा गांधी का प्रतिमा का अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिसके बाद अमेरिका ने खेद जातया और मांफी मांगी। भारतीय दूतावास ने मेट्रोपोलियन पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर, 2014 को वॉशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। प्रदर्शनकारियों ने इसी प्रतिमा से छेड़छाड़ की है।

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आलोचनाओं के घेरे में आए रक्षा मंत्री

अमेरिका के रक्षा मंत्री ने प्रदर्शकारियों से भरी अमेरिका की सड़कों को युद्ध का मैदान बताया। जिसके बाद वो आलोचनाओं के घेरे में आ गए। उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वो जान बूझकर सेना को राजनीति से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के उतरने के बाद ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वो सेना का इस्तेमाल करेंगे लेकिन इस चेतावनी से रक्षा मंत्री दूरी बनाते नजर आए। ट्रंप ने कहा था कि अगर राज्य के गवर्नर इस हिंसा को नहीं रोक पाए तो वह सभी सैन्य बलों का प्रयोग करेंगे इस पर एस्पर ने बुधवार को पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वाशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सैनिकों को घर भेजा जाएगा।

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