करीब 6 महीने से पूरी दुनिया पर मौत बरसा रहा कोरोना वायरस का तोड़ निकल आया है। लंबे इंतजार के बाद व तमाम दावों के बाद कोरोना की एक ऐसी दवाी बना ली गई हा। जिससे कोरोना से होने वाली मौतों पर विरोम लग गया है।
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डेक्सामेथासोन बड़ी कामयाबी है। सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवा कोरोना वायरस के भारी जोखिम वाले मरीजों की जान बचा सकती है।
डेक्सामेथासोन दुनिया में जारी परीक्षण का सबसे बड़ा हिस्सा है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नतीजे में कहा गया है कि जो लोग वेंटिलेटर पर थे, दवा के इस्तेमाल से मौत का खतरा एक तिहाई कम हो गया।नतीजे में खुलासा हुआ कि कोरोना संक्रमण के साथ अस्पताल में बिना भर्ती हुए 20 में से 19 मरीज ठीक हो गए। हालांकि अस्पताल में दाखिल होनेवाले मरीज भी ठीक हुए हैं मगर उन्हें ऑक्सीजन या अन्य उपकरणों की जरूरत पड़ी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम के परीक्षण में अस्पताल में भर्ती 2 हजार मरीजों को दवा दी गई जबकि अस्पताल से बाहर के 4 हजार मरीजों पर दवा का इस्तेमाल किया गया।परीक्षण में पता चला कि जो मरीज वेंटिलेटर पर थे उनमें मौत का खतरा घटकर 40 फीसद से 28 फीसद हो गया। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी उनमें मौत का खतरा 25 से घटकर 20 फीसद हो गया।
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इस खबर के सामने आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। आने वाले समय में और भी अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं।