दुनिया को कोरोना नाम की आफत में फंसाकर चीन पड़ोसी मुल्कों के साथ ही बड़े देशों पर अपनी पावर दिखा रहा है। यही कारण है कि, वो आकाश से लकर पाताल तक अपनी शाक्ति का प्रदर्शन करके दुनिया को दबाने की लगतारा कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि, वो कोरोना महामारी के बीच भारत, हांगकांग,अमेरिका जैसे देशों को हराने की कोशिश कर रहा है। और लगभग वो इसमें कामयाब होता हुआ भी दिख रहा है। तभी तो चीन ने कोरोना महामारी के बीच एक ऐसा काम कर दिया है जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है।
चीन ने अपने डीप-सी सबमर्सिबल हायदोउ-1 को दुनिया की सबसे गहरी जगह मरियाना ट्रेंच तक पहुंचा दिया।हायदोउ-1 ने मरियाना ट्रेंच की 10907 मीटर यानी 35,784 फीट की गहराई तक गया। इसके पहले उसने चार बार 10 हजार मीटर यानी करीब 33 हजार फीट की गहराई नापी।
हायदोउ-1 ने अपना पहला गोता 23 अप्रैल को लगाया था। इसके बाद उसने चार गोते लगाए। वह 9 मई को मरियाना ट्रेंच की पूरी गहराई नापकर समुद्र से बाहर आया।
चीन के वैज्ञानिकों ने डिस्कवरी शिप पर हायदोउ-1 को रख कर मरियाना ट्रेंच के ऊपर ले गए। फिर उसे समुद्र में छोड़ दिया था।
सबमर्सिबल गहर पानी के अंदर तक जाने वाली एक मशीन होती है, जिसका इस्तेमाल अधिकतर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता है। चीन के सबमर्सिबल ने विश्व के सबसे गहरी जगह ‘मारियाना ट्रेंच’ तक पहुंचने का कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
हायदोउ-1 ने मरियाना ट्रेंच की गहराई नापने के साथ- साथ उसकी सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग भी की। साथ ही समुद्र की तलहटी में कई जीवों की तस्वीरें ली और वीडियो बनाए।
पनडुब्बी हायदोउ-1 को चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शेनयांग इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन ने तैयार किया है। यह मानवरहित पनडुब्बी है, जो एक रिमोट कंट्रोल्ड पनडुब्बी है। इसके सारे आर्म्स रिमोट से ही कंट्रोल किए जाते हैं।
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मारियाना ट्रेंच विश्व की सबसे गहरी जगह है। वहां समुद्र 10,898 मीटर से 10,916 मीटर तक गहरा है, यानी करीब 11 किलोमीटर की गहराई है।चीन ने अपनी महान उपलब्धी के चलते इसे छू लिया है। यही कारण है कि, चीन की तारीफ दुनियाभर में हो रही है।