बेंगलुरु। देश की सुरक्षा में लगे जवानों का जब शोषण होने लगे तो इसे क्या कहा जाए। ये लाइनें पढ़ने के बाद आप जितना हैरान है उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि सीआईएसएफ के 200 जवानों के साथ उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। दरअसल बेंगलुरु के कैम्पे गोडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवानों से कोर्ट में शिकायत की है मुश्किल हालातों में काम करने के बाबजूद उन्हें खराब खाना और भत्ता नहीं मिलता है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में जवानों द्वारा की गई शिकायत से साफ पता चलता है कि जवान कैसी परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि भारत के जवानों को कठिन परिस्थितिय़ों में काम करने के बाबजूद अगर अच्छा खाना नहीं मिलता है तो ये अपने आप में कई सारे सवाल खड़े करता है।
जवान ने की थी आत्महत्या
बताया जा रहा है कि जवान आतंरिक तौर पर शिकायत करने से लेकर पीएम को पत्र लिख चुके है। गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में कैम्पे गोडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक जवान ने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। उस समय सीआईएसएफ ने आधिकारिक रूप से कहा था कि जवान ने निजी कारणों से आत्महत्या की है।
चौंकाने वाले हैं आंकड़े
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 3 सालों में 344 अर्धसैनिक बलों के जवानों ने किसी ना किसी कारण से आत्महत्या की है। रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वाले 15 लोगों ने इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही मौत को गले लगा लिया। आंकड़ों के मुताबिक, आत्महत्या करने वाले जवानों में से 15 % यानी 53 जवान सीआईएसएफ के ही थे। जवानों का आत्महत्या करना भारतीय सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करता है।