३४ सेनिको में से २० की औपचारिक पुष्टि कर दी गई हैं देखना ये हैं की बाकी १४ भारतीय सैनिक कहा लापता हैं या उन्हें चीन सेना ने कैद में ले रखा हैं
चीनी सैनिकों से झड़प में सोमवार रात को भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। जबकि चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है। यह तब हुआ, जब दोनों ओर से एक भी गोली नहीं चली। यह झड़प दुनिया की दो परमाणु ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। गालवन वैली वही इलाका है, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।साल 1975 में एलएसी पर चीन ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक शहीद हुए थे। तब से दोनों देशों में झड़प तो कई बार हुई, लेकिन जान किसी की कभी नहीं गई।
भारत-चीन हिंसा के बाद भारत के 34 जवान लापता, अब नहीं बचेगा चीन..
टेलीग्राफ ने भारतीय सेना के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से बताया कि गलगाव घाटी में भारत और चीन के बीच कल रात आमने-सामने होने के बाद, “तीस-चालीस भारतीय सैनिक भी लापता हैं – माना जा रहा है कि या तो मारे गए या उन्हे हिरासत में लिया गया है।
वहीं आईएएनएस इंडिया की रिपोर्टर आरती टिकू सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि सूत्रों के अनुसार कुछ भारतीय सैनिक और अधिकारी लापता है। उन्हे शायद गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान बंदी बना लिया गया है। वहीं चीन कि पीपल लिबरेशन आर्मी हताहतों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हे पहाड़ी से फेंकने कि धमकी दे रही है
३४ सेनिको में से २० की औपचारिक पुष्टि कर दी गई हैं देखना ये हैं की बाकी १४ भारतीय सैनिक कहा लापता हैं या उन्हें चीन सेना ने कैद में ले रखा हैं