नई दिल्लीः चैत्र नवरात्र की शुरुआत 18 मार्च (रविवार) से हो रही है।नवरात्र को लेकर बाजार सज चुके हैं और लोग इस तैयारी में जुट गए हैं और हर कोई अपने अपने घरों में पूजा की तैयारी करने लगे हैं आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आपको नवरात्रि की पूजा करनी हैं कैसे आपको कलश अपने घर में स्थापित करना हैं। नवरात्रि आते ही घरों में साफ सफाई से होती है। आपको अपने घर के जिस स्थान पर आप कलश स्थापना करनी है घर के उस स्थान को अच्छी तरह साफ कर लें। जो गांव में मिट्टी के घर होते है वे अपने घर को गाय के गोबर से लीपकर पवित्र करते है।
नवरात्र पर मंदिरों के साथ ही घरों में शुभ मुहूर्त पर ही कलश की स्थापना की जाए तो अच्छा रहता हैं। औरचैत्र नवरात्र की पूजा का और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त हैं सुबह 7:34 से 12:48 बजे तक है। सामान्य रूप से सुबह 7:34 बजे से बाद घट स्थापना की जा सकती हैं। सुबह 9:48 से रात्रि 11:18 बजे तक समय लाभ की चौघड़िया, 11:18 से दोपहर 12:48 बजे का समय अमृत की चौघड़ियां का है। मां भगवती के 9 रूप, शैलपुत्री, ब्रहमचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
मां दुर्गा के नौ रूप
- पहला दिन- शैलपुत्री की पूजा
- दूसरा दिन-मां ब्रह्मचारिणी पूजा।
- तीसरा दिन-मां चन्द्रघंटा पूजा।
- चौथा दिन- मां कूष्मांडा पूजा।
- पांचवा दिन-मां स्कंदमाता पूजा।
- छठा दिन-मां कात्यायनी पूजा।
- सप्तमी दिन- मां कालरात्रि पूजा।
- अष्टमी दिन- मां महागौरी।
- नवमी दिन- सिद्धिदात्री।