कानपुर। ओडिशा के दाना मांझी के अपनी पत्नी के शव को कंधे पर ढोकर ले जाने वाली घटना पर विवाद थमा नहीं था कि आज कानपुर में इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। उत्तर प्रदेश अपनी कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है लेकिन इस बार एक पिता की अपने बेटे को कंधे पर टांगकर इलाज के लिए अस्पताल जाने वाली तस्वीरों ने यूपी सरकार एक बार फिर से कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार फजलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील के बेटे अंश (12) को मामूली बुखार आया था। अंश के पिता सुनील उसको लेकर हैलट एमरजेंसी पहुंचे, लेकिन वंहा के डॉक्टरों ने उसको भर्ती करने के बजाए बाल रोग विभाग जाने को कह दिया। हैलट एमरजेंसी से बाल रोग विभाग की दूरी 250 मीटर है, लेकिन अस्पताल की तरफ से उसको स्ट्रेचर तक नहीं दिया। मजबूरन अपने अचेत बेटे को कंधे पर लेकर पिता यहां वहां भटकता रहा और आखिरकार मासूम ने दम तोड़ दिया।
जब मरे हुए बेटे को लेकर पिता अस्पताल पहुंचे तो वहां के डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है। लाचार पिता किसी को दोष देने की बजाय अपनी किस्मत पर रोता हुआ चुपचाप वहां से चला गया। फिलहाल इस मामले पर कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने जांच समिति गठित की है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्यवायी की जाएगी।