फतेहपुर: जिले में मुस्लिम गौसेवा कर आपसी सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। ये लोग बांदा जिला के रहने वाले हैं। यहां पर करीब 150 गौवंशों को रखा गया है। जिसमें यह सभी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां के प्रबंधक सागर सिंह ने बताया कि ये लोग करीब तीन महीना पहले यहां आए थे। तब से लगातार यहां पर काम कर रहे हैं। इसके लिए इन्हें गौशाला से वेतन भी दिया जाता है। ये लोग यहां पर एक दिन में तीन बार अपनी सेवाएं देते हैं।
नगर पालिका की गौशाला में आवारा पशुओं को रखा गया है, जिसमें गौवंशों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिसमें सात सांड और 143 गाय और उनके बच्चे शामिल हैं। इनकी सेवा करने के लिए नौ लोगों को रखा गया है। जिनमें तीन गौसेवक मुस्लिम हैं। यहां पर काम करने वाले नौशाद ने बताया कि वह बांदा जिले के गौसीपुर के रहने वाले हैं। करीब तीन माह पहले फतेहपुर जिले के मलाका गांव स्थित अपनी ससुराल आये थे।
उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। उनके बच्चे दाने-दाने के लिए मोहताज थे। उन्हें कहीं भी कोई सहारा नही मिल रहा था। तभी वह काम की तलाश में गौशाला के आसपास घूम रहे थे। तभी उनकी भेंट कान्हा गौशाला के प्रबंधक सागर सिंह से हुई। गौसेवक नौशाद ने बताया कि सागर सिंह ने उन्हें धन, भोजन, राशन और रहने की व्यवस्था कर्यवाई। इसके बाद वह और उनकी पत्नी साजिया यहीं पर गौसेवा करने लगे।
वैदिक विद्या ट्रस्ट की गौशाला में इन दोनों के साथ ही एक अन्य मुस्लिम अंसार भी गौशाला में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नौशाद ने बताया कि सुबह सात बजे तक गौशाला में साफ-सफाई हो जाती है। इसके बाद 10 बजे तक हरा-सूखा भूसा पशुओं को दे दिया जाता है। गौशाला में पशुओं को एक दिन में तीन बार भोजन की व्यवस्था होती है। नौशाद ने बताया कि गौमाता के आशीर्वाद से वह और उनका परिवार आज सामान्य जीवनयापन कर रहे हैं। जब तक यह गौशाला संचालित रहेगी। तब तक वह और उनका परिवार यहीं रहेंगे।