फतेहपुर: फतेहपुर में बने 2376 लाख रुपये के रेलवे ओवरब्रिज निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है। सरकार से एक-एक पैसे का भुगतान लेने के बाद भी ठेकेदारों ने पुल में एक भी एक्सपेंशन ज्वाइंटर नहीं लगाया गया। ऐसे में सवाल यह है कि इस पुल को पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के अभियंताओं ने पास कैसे कर दिया? सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के क्या कहने? इस मामले में आजतक न तो जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई।
जिले मुख्यालय स्थित हरिहरगंज में 30 अप्रैल 2013 को रेलवे ओवरब्रिज बनकर तैयार हुआ था। तत्कालीन सांसद राकेश सचान ने कई बार इस पुल का निरीक्षण भी किया लेकिन एक्सपेंशन ज्वाइंटर पर उन्होंने भी कोई सवाल नही उठाए। मौके पर तत्कालीन उप परियोजना प्रबंधक सेतु निगम एसएन सिंह भी अक्सर दौरा करते रहे लेकिन पता नहीं क्यों इतने बड़े अधिकारी को इसकी भयंकर लापरवाही क्यों नहीं दिखाई पड़ी? ऐसी अनदेखी के बीच यह ओवरब्रिज बनकर तैयार हो गया और लोगों को सौगात के नाम पर घोटाले का बड़ा खेल हो गया।
ओवरब्रिज का एक्सपेंशन ज्वाइंट
ओवरब्रिज का निर्माण कई अलग-अलग भागों में होता है। ऐसे में एक्सपेंशन ज्वाइंट का महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि जब पुल से भारी वाहन परिवहन करते हैं तो ओवरब्रिज को नुकसान नहीं पहुंचता। यदि एक्सपेंशन ज्वाइंट न लगा हो तो लगातार ट्रैफिक चलने से पुल को गम्भीर नुकसान हो सकता है। ओवरब्रिज में एक्सपेंशन ज्वाइंट (स्प्रिंग) लगाने से भारी वाहनों से आवागमन होने पर पुल के नुकसान की संभावना समाप्त हो जाती है। इसी के लिए एक्सपेंशन ज्वाइंटर लगाए जाते हैं।
दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है ओवरब्रिज
एक्सपेंशन ज्वाईंट न लगने से पुल दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। ओवरब्रिज के नीचे बहुत सी दुकानें लगतीं हैं। ऐसे में यहां पर दिनभर लोगों की भारी भीड़ बनीं रहती है। इस बीच कोई दुर्घटना हो जाए तो उससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है।