नई दिल्ली। देश के पहले रेल रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर के उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित 17 किलोमीटर लंबे दुहाई- साहिबाबाद खंड पर लोग अब से तीन साल बाद यात्रा कर सकेंगे। समझा जाता है कि यह खंड 2023 तक काम करने लगेगा। रेल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को लागू करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के मुताबिक 82 किलोमीटर लंबा पूरा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर 2025 तक संचालित होने लगेगा।
अधिकारी ने बताया कि इस कॉरिडोर के कारण दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा करने में महज 55 मिनट का वक्त लगेगा जबकि वर्तमान में सड़क मार्ग से यात्रा करने में तीन घंटे का समय लगता है। एनसीआरटीसी ने 17 किलोमीटर लंबे दुहाई- साहिबाबाद मार्ग पर सिविल निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।
अधिकारी ने बताया कि नयी पीढ़ी की क्षेत्रीय ट्रांजिट प्रणाली से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि लोगों को लंबे ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। कॉरिडोर के दुहाई- साहिबाबाद खंड पर चार स्टेशन होंगे – दुहाई, गुलधर, गाजियाबाद और साहिबाबाद। इसके अलावा दुहाई में एक डिपो भी बनेगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पहला खंड मार्च 2023 तक काम करने लगेगा, जबकि लोग 2025 तक 82 किलोमीटर लंबे संपूर्ण कॉरिडोर पर तेज और सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे।’’
दुहाई- साहिबाबाद खंड के शुरू होने पर गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन दिल्ली मेट्रो के गाजियाबाद न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से जुड़ जाएगा, जबकि साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन प्रस्तावित वसुंधरा सेक्टर दो मेट्रो स्टेशन और बस टर्मिनल से जुड़ेगा। दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 24 स्टेशन होंगे। इनमें दुहाई और मोदीपुरम में डिपो और स्टेशन दोनों होंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘आरआरटीएस ट्रेन की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे, संचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे और औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।’’