बरेली। बरेली में 40 किसानों ने अपने खातों में आई सरकारी रकम कृषि विभाग के अफसरों को वापस कर दी है। निधि लौटाने दफ्तर में पहुंचे किसानों को देखकर अफसर कुछ देर को हड़बड़ा गए। मगर पूरी बात जानने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। निधि लौटाने वालों में ज्यादातर किसान नौकरी वाले या वेतनभोगी हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास जमीन ही नहीं है।
सरकारी रकम हड़पने की तमाम खबरों के बीच बरेली से एक राहत देने वाली खबर आई है। हर जिले की तरह बरेली का कृषि विभाग की पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के खातों में सम्मान निधि भेज रहा है। बरेली में विभाग ने 40 ऐसे किसानों के खातों में रकम भेजी दी जो पात्र नहीं थे। यह गड़बड़ी विभाग ने नहीं पकड़ी। किसान खुद की अफसरों के पास पहुंचे और अपने को अपात्र बताते हुए सम्मान निधि की रकम वापस कर दी।
उपनिदेशक कृषि अशोक यादव ने बताया कि 40 किसानों ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए खुद ही रकम वापस कर दी। उन्होंने बताया इन किसानों से प्रेरणा लेकर कई और लोग भी सम्मान निधि की रकम वापस लौटाने की तैयारी में हैं। विभाग भी इसके लिए अभियान चला रहा है।
सरकारी नौकरी वाले और भूमिहीन किसानों की संख्या सबसे अधिक
स्वेच्छा से सम्मान निधि वापस लौटाने वाले किसानों में सबसे अधिक सरकारी कर्मचारी और भूमिहीन लोग हैं। जिले में कुल 15 भूमिहीन, 16 सरकारी कर्मचारियों, चार पेंशनर के साथ पति को पेंशन मिलने वाली दो महिला किसानों और तीन ऐसे किसान हैं जिनकी पत्नी को भी योजना का लाभ मिल रहा है। इन सभी ने सम्मान निधि सरकार को लौटा दी है।