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विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच बैठक जारी, ब्रैक के दौरान किसानों ने सरकार के खाने को किया मना

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नई दिल्ली। किसान आंदोलल अब उग्र रूप लेता जा रहा है। किसानों का कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन का आज 8वां दिन है। जिसके चलते किसान अपने मांगो पर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही आज सरकार और किसान संगठन नेताओं के बीच चौथे दौर की बातचीत चल रही है। इससे पूर्व में हुई बैठकों में कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। जिसके चलते आज फिर विज्ञान भवन में बैठक चल रही है। इसी बैठक के बीच में थोड़ी देर पहले इस बैठक में ब्रेक लिया गया। ब्रेक के दौरान सरकार की ओर से जो खाने का इंतजाम किया गया था उसको खाने से किसान नेताओं ने इंकार कर दिया। किसान नेताओं ने बताया कि उनके लिए लंगर से खाना आया है।

किसानों के लिए लंगर से आया खाना-

बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार के बीच वार्ता भी जारी है और इसी आंदोलन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की। हालांकि इसके बाद उन्होंने साफ कहा कि किसानों और सरकार के बीच वार्ता से उनका लेनादेना नहीं है। वहीं दिल्ली से नोएडा बॉर्डर पर कई किसान डेरा डाले हुए हैं और रास्ते को बंद कर दिया था। जबकि कई अन्य समूहों ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर पर आवागमन को रोक दिया है। किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में बैठक जारी है। थोड़ी देर पहले इस बैठक में ब्रेक लिया गया। ब्रेक के दौरान सरकार की ओर से जो खाने का इंतजाम किया गया था उसको खाने से किसान नेताओं ने इंकार कर दिया। किसान नेताओं ने बताया कि उनके लिए लंगर से खाना आया है। किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्ज़ी पूरी और दाल-सब्ज़ी रोटी लंगर से लायी गयी है, इसके साथ ही एक ड्रम चाय भी लाई गयी है। किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया।

कृषि कानून के साथ इन कानूनों को वापस लेने की मांग-

इसके साथ ही विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी बैठक में किसानों ने एक बार फिर तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसानों के सरकार को लिखित में मांग दी। इसके साथ ही किसानों ने पराली/ वायु प्रदूषण को लेकर जो कानून आया था उसे वापस लेने की बात की। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 जो आने वाला है उसको लेकर भी किसानों ने लिखित में आपत्ति जताई। इसके साथ ही अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से उनके आवास पर बैठक के बाद कहा कि जल्द से जल्द आम सहमति पर पहुंचना चाहिए और दोनों पक्षों को मामले पर अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं गृह मंत्री से मिलने, मामले पर अपना रुख दोहराने, उनसे और किसानों से इस मामले का जल्द समाधान करने की अपील करने आया था। क्योंकि इससे पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।

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