नई दिल्ली। दिल्ली के चारों ओर किसानों का आंदोलन पिछले 70 दिन से जारी है। वहीं राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजिपुर बाॅर्डर पर डटे हुए हैं। दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर में हुई महापंचयत में दिल्ली कूच करने का ऐलान किया गया है। सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक बार फिर से हिंसा देखने को मिली। यहां धरनास्थल खाली कराने आए स्थानीय लोगों और किसानों के बीच पथराव हुआ। इसी बीच भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल ने गाजियाबाद के डीएम पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि डीएम जानबूझकर आंदोलन लंबा खिंचवा रहे हैं।
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद खत्म होते दिख रहे आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसूओं ने जैसे संजीवनी दे दी। पिछले 66 दिनों से चल रहा जो आंदोलन 28 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर से शाम तक खत्म जैसा दिख रहा था वह टिकैत के आंसुओं का वीडियो वायरल होते भी फिर तेज हो गया और 29 जनवरी की सुबह गाजीपुर बॉर्डर हाल वैसा दिखने लगा जैसे वो 26 तारीख से पहले था। यही नहीं अब की लोगों में जोश भी दोगुना है और वो कृषि कानूनोें को वापस कराकर ही घर जाने की बात कर रहे हैं। वहीं सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी आंदोलन जारी है।
भाजपा पार्षद का गाजियाबाद डीएम पर आरोप-
भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल ने गाजियाबाद के डीएम पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि डीएम जानबूझकर आंदोलन लंबा खिंचवा रहे हैं। उनका कहना है कि मुजफ्फरनगर में तैनाती के दौरान डीएम की राकेश टिकैत से दोस्ती के चलते जो आंंदोलन जल्द खत्म हो सकता था उसे लंबा खिंचवा रहे हैं। भाजपा पार्षद का कहना है कि अधिकारी लोनी विधायक पर ठीकरा फोड़ रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि खुद टिकैत अपनी गिरफ्तारी देने के लिए अधिकारियों को बुलाते रहे, लेकिन अधिकारी शाम को पहुंचे। यह देरी जानबूझ कर की गई।
हिंसा मे घायल हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों का प्रदर्शन-
अब हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले के विरोध में उनके परिवारों का शहीदी पार्क में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों के परिजन इंसाफ की मांग कर रहे हैं।