सरकार ने कृषि बिलों को राज्यसभा में पास करवा दिया हैं। बिल के संसद में पास होने के बाद से ही विपक्ष और किसान इसका विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर किसान देश के अलग अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों में कृषि बिलों को लेकर काफी रोष हैं। जिसके चलते आज किसान सड़को पर उतर आये हैं।
दोनों सदनों में कृषि बिलों को पास कर दिया गया हैं। विपक्ष ने सदन में इस बिल का जमकर विरोध किया। विरोध के चलते विपक्ष के 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इन सांसदों ने बिल की कॉपी को भी फाड़कर लहराया था। इस घटना को निंदनीय बताते हुए विपक्षी 8 सांसदों को निलंबित कर दिया था। जिसके चलते विपक्ष ने निलंबित सांसदों की बहाली की मांग करते हुए राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था। बिल के विरोध में विपक्ष भी किसानो के साथ खड़ी हुई हैं।
प्रदर्शन के लेकर प्रशासन अलर्ट पर
शुक्रवार यानि आज किसान बड़ी संख्या में कृषि बिलों के विरोध को लेकर सड़को पर उतर चुके हैं। किसानो ने बंद का एलान किया हैं। जिसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर हैं। कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को और उग्र होने की संभावना हैं। विभिन्न किसान संगठनों ने शुक्रवार को बिल के विरोध में देशव्यापी बंद कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब में बिल का सबसे ज्यादा विरोध किया जा रहा हैं। इसके अलावा देश के अन्य कई राज्यों में भी किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी कृषि बिलों के विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।
राजनीतिक दलों ने किया समर्थन का एलान
कृषि बिलों को लेकर हो रहे किसान आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक दल समर्थन दे रहे हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह भारत बंद के आह्वान में किसानों के साथ हैं। कांग्रेस ने किसानो को समर्थन देते हुए कहा कि पार्टी के लाखों कार्यकर्त्ता किसानों के समर्थन में खड़े रहेंगे और धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान और खेतिहर मजदूर कठिन परिश्रम से देश के लोगों का पेट भरते हैं और मोदी सरकार उन्हीं किसानों और उनके खेतों पर हमला कर रही हैं।
एसपी ने दिया किसानों को समर्थन
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी कृषि बिलों के विरोध में किसानो के साथ खड़ी नजर आ रही हैं। यहाँ भी समाजवादी पार्टी ने किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया हैं। पार्टी ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि वे हर जिले में विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे और जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कृषि बिल को हानिकारक बताते हुए कहा कि यह किसानों और मजदूरों के हितों को चोट पहुंचाता हैं।
‘वेस्ट यूपी रहेगा जाम’
वहीं वेस्ट यूपी में किसान संगठनों ने शुक्रवार चक्का जाम करने की चेतावनी दी हैं। साथ ही दिल्ली को सब्जी-दूध आपूर्ति रोकने की भी चेतावनी दी हैं। भारतीय किसान यूनियन के मुताबिक, ऐम्बुलेंस और आवश्यक वस्तुओं को रोका नहीं जाएगा। यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम चक्का जाम करेंगे। किसान झुकेगा नहीं। पूरा वेस्ट यूपी जाम रहेगा।’
कांग्रेस राष्ट्रपति को सौंपेगी ज्ञापन
संसद में विरोध करने के बाद अब कांग्रेस पूरे देश में कृषि बिलों का विरोध करने की तैयारी में है। पार्टी ने कहा, 28 सितंबर को देश के तमाम राज्यों में कांग्रेस प्रदेश कार्यालयों से राजभवन तक पैदल मार्च निकलेगा। राज्यपालों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसानों का हस्ताक्षर अभियान शुरू होगा, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। फिर दस्तखत वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। वहीं, लखनऊ में भी कांग्रेस 28 सितंबर को विधान भवन घेरने की तैयारी कर रही हैं। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यह जानकारी दी।