कृषि बिलों के संसद में पास होने के बाद से इसको विरोध किया जा रहा हैं। किसानों में इन बिलों को लेकर काफी रोष हैं। जिसके चलते आज किसान सड़को पर उतर आये हैं। संसद में पास होने पर विपक्ष ने भी सदन में इसका जमकर विरोध किया था इतना ही नहीं बिल की कॉपी को भी फाड़ दिया गया था। सनसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जिसके चलते विपक्ष के 8 सांसदों को निलंबित भी कर दिया गया। अब विपक्ष भी इसके विरोध में किसानो के साथ खड़ी हुई हैं। शुक्रवार यानि आज किसानो बड़ी संख्या में इसके विरोध को लेकर सड़को पर उतर चुके हैं। किसानो ने बंद का एलान किया हैं। जिसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर हैं।
कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को और उग्र होने की संभावना है। विभिन्न किसान संगठनों ने शुक्रवार को बिल के विरोध में देशव्यापी बंद कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब में बिल का सबसे ज्यादा विरोध किया जा रहा हैं। इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी किसान संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी कृषि बिलों के खिलाफ के विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।
पंजाब और हरियाणा में बंद का एलान
किसान बिल के पास होने के बाद से ही किसानों के अलग-अलग संगठनों ने इसको स्वीकार नहीं किया और इसी के चलते सभी संगठन शुक्रवार यानि आज ‘भारत बंद’ का ऐलान किया हैं। विरोध का सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी में दिख सकता हैं। किसान सड़कों पर चक्का जाम और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है। बहुत सारी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया।
गुरुवार से ही ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू
पंजाब में किसानों ने गुरुवार से ही ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। वे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। किसान मजदूर संघर्ष समिति और भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोग इसमें शामिल हैं। प्रशासन भी इसको लेकर मुश्तैद हैं। हरियाणा में सभी हाई-वे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया हैं। ताकि किसानो को हाई-वे से पहले ही रोका जा रहा है। DGP ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसान भीड़ इकट्ठा करते हैं या अनाज मंडियों में सभाएं करते हैं, तो उन्हें रोका जाए।
31 किसान संगठनों का पंजाब बंद आंदोलन
पंजाब में कृषि बिलों का बड़े स्तर पर विरोध किया जा रहा हैं। जिसके चलते शुक्रवार को 31 किसान संगठनों ने पंजाब बंद का ऐलान किया हैं। वहीं हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों ने कृषि बिलों के विरोध में किसानों की हड़ताल का समर्थन करने का ऐलान किया हैं।
पंजाब के सीएम का किसानों को समर्थन
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों को उनकी लड़ाई में समर्थन देने का आश्वासन दिया हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को प्रदेश में धारा 144 के उल्लंघन की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी।
सीएम कैप्टन अमरिंदर ने किसान प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान लोगों को असुविधा न होने पाए और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। हरियाणा में बीकेयू समेत कई किसान संगठनों ने कृषि बिलों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया हैं।
सरकार भी तैयार
वहीं, हरियाणा की बीजेपी सरकार भी किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए मुश्तैद हैं। इसको लेकर प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने DGP को हड़ताल के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के निर्देश दिए हैं।
बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस अलर्ट
किसानों ने अपने-अपने इलाकों में रहते हुए प्रदर्शन करने का ऐलान किया है और राजधानी दिल्ली में न जाने का फैसला किया हैं। फिर भी दिल्ली पुलिस शुक्रवार को अलर्ट पर रहेगी। इसके मद्देनजर पुलिस ने हरियाणा बॉर्डर सील करने की तैयारी कर ली हैं। हालांकि, गुरुवार को दिल्ली-हरियाणा मार्ग पर यातायात सामान्य था। किसान समूहों ने आह्वान किया है कि वे कल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे।
किसान आंदोलन को राजनीतिक दलों का समर्थन
कृषि बिलों को लेकर हो रहे किसानों के प्रदर्शन को विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह किसानों के भारत बंद को अपना समर्थन देगी। कांग्रेस ने समर्थन देते हुए कहा कि पार्टी के लाखों कार्यकर्त्ता किसानों के समर्थन में खड़े रहेंगे और धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान और खेतिहर मजदूर कठिन मेहनत से देश के लोगों का पेट भरते हैं और मोदी सरकार उन्हीं किसानों और उनके खेतों पर हमला कर रही हैं।