नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में उतरे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिल सकता है। विरोध प्रदर्शन के चलते प्रदर्शनकारी किसान अपने साथ कई महीनों का राशन भी साथ लेकर आए है। कृषि कानून विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली में किसानों को पुलिस द्वारा बॉर्डर पर ही रोका जा रहा था। इसी बीच अब किसानों को दिल्ली के अंदर आने की अनुमति दे दी गई है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा होने की परमिशन दे दी है।
किसानों को दिल्ली में जानें की अनुमति मिली-
बता दें कि अब दिल्ली का निरंकारी ग्राउंड किसानों का जंतर-मंतर बन गया है। पंजाब से चले किसानों को दिल्ली आने की इजाजत मिल गई है। किसान सिंधु बॉर्डर से दिल्ली आ सकेंगे, इस दौरान पुलिस की टीम उनके साथ ही रहेगी। लेकिन इसके तुरंत बाद किसानों ने सिंधु बॉर्डर पर पथराव शुरू कर दिया। किसान बीते दिन से ही दिल्ली आने की कोशिश में थे और इस दौरान कई बार उनकी पुलिस के साथ भिड़ंत हुई। जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा होने की परमिशन दे दी है। पुलिस का कहना है कि किसान वहां इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर सकते हैं। पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोके। अमरिंदर ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, सरकार तीन दिसंबर तक क्यों इंतजार कर रही है।
राकेश टिकैत ने की हरियाणा सरकार की निंदा-
किसानों के दिल्ली कूच के चलते हरियाणा के भिवानी में 20 किमी लंबा जाम लग गया है। हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पुलिस द्वारा बंद कर दिए जाने से भी शहर में अहम रास्तों पर जाम लग गया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि इस प्रदर्शन के चलते ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गई और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि हम यूपी से दिल्ली की ओर मार्च करेंगे या नहीं जल्द तय होगा। हम केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों पर लिए गए हरियाणा सरकार के एक्शन की निंदा की है।