देहरादून। बजट में किसनों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्ग के लिए किए गए प्रावधानों को लेकर राज्य के किसानों ने पीएम का आभार जताया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा के साथ काम कर रही हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभार प्रकट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। आम बजट 2018 में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दी गई सौगात पर राज्य के कृषकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम मंल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गांव, किसान, मजदूरों, महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्ग को समर्पित बजट पेश करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली एवं कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को धन्यवाद देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को कृषि एवं उससे सम्बन्धित विभागों के लिए 06 हजार करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। बजट में 145 करोड़ रुपये खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए मिला है। इसके लिए 55 हजार मैट्रिक टन फल एवं सब्जियों अतिरिक्त उत्पादन की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य का पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने एवं आधुनिक कृषि पर बल देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पण्डित दीन दयाल किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को मात्र दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछले चार माह में 560 करोड़ रुपये किसानों के लिए दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में कृषि विकास योजना के लिए प्रदेश को 4385 करोड़ रुपये की धनराशि मिली थी, इस वर्ष बढ़कर 9338 करोड रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। परम्परागत कृषि में भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में उत्तराखण्ड को 748 करोड़ रुपये की धनराशि से बढ़कर इस वर्ष 1326 करोड़ रुपये मिले हैं। कलस्टर बेस एप्रोच एवं जैविक खेती के लिए आगामी 03 सालों के लिए 1509 करोड़ रुपये प्रदेश को स्वीकृत किए गए हैं। वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर खेती पर बल देते हुए यंत्रीकरण के लिए फार्म मशीनरी बैंकों की संख्या 70 से बढ़ाकर 370 की गई है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम(एनसीडीसी) के सहयोग से सहकारी समितियों के लिए 2600 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदेश को मिली है।
मुख्यमंत्री ने कृषकों से आह्वान किया कि किसान अच्छी आमदनी प्राप्त करने के लिए अपना बाजार (अपणु बाजार) की अवधारणा पर बल दें। किसान उपभोक्ताओं को सीधे उत्पादों की मार्केंटिंग करेंगे तो इससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को भी डायरेक्ट मार्केटिंग से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं एवं फसलों एवं पशुओं का बीमा जरूर करवाएं। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में डीजल एवं बिजली से चलने वाले तीन करोड ट्यूबबेल को सोलर पम्प में बदलने का प्रावधान किया गया है। जिससे भविष्य में पानी के लिए किसानों को बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बांस को पहले जंगल की श्रेणी में रखा गया था अब यह फसल की श्रेणी में आ गया है। बांस का उत्पादन कर किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ऑर्गनिक खेती के लिए खाद बनाने की नई तकनीक का प्रयोग करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का लोगों को लाभ मिलेगा। देश के 50 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपये तक के प्रतिवर्ष बीमा योजना से आच्छादित किया गया है। 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। टीबी के मरीजों को निःशुल्क दवा के अलावा 500 रुपये प्रतिमाह पोषक तत्वों के लिए देने का प्राविधान किया गया है। उज्ज्वला योजना के तहत 08 करोड़ महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिये जायेंगे। इससे राज्य की गरीब महिला परिवारों को भी लाभ मिलेगा। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के उद्देश्य से बजट में किसानों के हितो को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि यूरिया जो कि पहले इंडस्ट्रियों में अधिक जाता था, किसानों तक कम पहुचता था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूरिया को नीम कोटेट करवाने का काम किया। इसका लाभ सीधा कृषकों को मिल रहा है। मेयर/विधायक विनोद चमोली ने कहा कि भूमि की गुणवत्ता को सुधारने एवं उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य योजना लागू की गई। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रयासरत है। विधायक मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि इस बार का बजट खेत-खलियान, किसानों एवं ग्रामीण भारत के लिए समर्पित था। 40 प्रतिशत जनता को स्वास्थ्य बीमा से जोड़ा गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूह के लिए 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मुद्रा ऋण योजना के लागू होने से साढ़े सात करोड़ लोगों ने ऋण लिया है जिसमें से 60 प्रतिशत महिला उद्यमी हैं। विधायक गणेश जोशी ने कहा कि बजट में किसानों, महिलाओं एवं समाज के गरीब वर्ग के हित को ध्यान में रखा गया है।
कार्यक्रम में आये किसानों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरूण जेटली एवं कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह को किसानों के कल्याण के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं एवं किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करने पर आभार व्यक्त किया। किसानों ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र को कृषकों के लिए कार्यक्रम आयोजित करने पर उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भजपा के जिलाध्यक्ष श्री शमशेर सिंह पुण्डीर, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र पंवार, कृषि निदेशक गौरी शंकर एवं बड़ी संख्या में प्रदेश के किसान उपस्थित थे।