मुंबई। महाराष्ट्र में भी किसानों का आंदोलन जारी है। जिसमें आंदोलन के बीच करीब चार किसानों की आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस का कहना है कि आंदोलन के चलते रमेश रामदास दलवी नाम के किसान ने जलना जिले के भोकादार तहसील में अपने खेत में जाकर आत्महत्या कर ली इससे पहले भी दलवी आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका था। लेकिन उस वक्त पड़ोसियों ने उसे रोक लिया था।
इससे पहले भी नांदेड़ में एक 40 साल के किसान ने आत्महत्या कर ली थी। बुलढाला के तहसील में संजय घनवाट नाम के किसान ने मौत को गले लगा लिया था। संजय का खेती में भारी नुकसान हो गया था। येवला जिले में नवनाथ ने आत्महत्या कर ली थी। केंद्र सरकार को आंदोलन का जिम्मेदार ठहराते हुए शिवसेना का कहना है कि कर्ज में डूबे किसानों की निराशा का कारण केंद्र सरकार है। साथ उधव ठाकरे ने असली किसानों के नेताओं से बात करने कि केंद्र सरकार की पेशकश का भी मजाक उड़ाया।
महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन जारी है। जिसकों देकते हुए शिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में भाग लिया। जिसमें किसानों के भविष्य को लेकर चर्चा की जाएगी। ये सम्मेलन 150 किमी दूर नासिक में आयोजित किया गया है। आज किसानों के आंदोलन का सातवां दिन है। इस बैठक को प्रदर्शनकारियों के बीच बुलाया गया।
बता दें कि महाराष्ट्र में 2014 में 4.004 किसानों ने आत्महत्या की वहीं वर्ष 2015 में 4.291 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। इनमें से 1293 मामले तो ऐसे हैं जो ऋणग्रस्तता हैं। किसी भी राज्य की तुलना में महाराष्ट्र में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की है। महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना (1,358) दूसरे, कर्नाटक (1,197) तीसरे और छत्तीसगढ़ 854 मौतों के साथ चौथे पायदान पर है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 94.1 फीसदी आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए।