पिछले करीब एक महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. लेकिन अभी तक सरकार और किसान संगठनों में कोई सहमति नहीं बन पाई है. सरकार और किसान संगठनों में कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन सभी बैठके बेनतीजा रहीं. अब एक बार फिर से किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होगी. दरअसल, सरकार के किसानों के पत्र का जवाब देकर उन्हें बातचीत के लिये आमंत्रित किया है. यही नहीं किसानों ने भी सरकार से मिले हुए बातचीत के प्रसाव को मान लिया है.
किसान और सरकार फिर होंगे आमने-सामने
किसानों की तरफ से सरकार को एक पत्र भेजा गया था, जिसका जवाब सरकार ने भेज दिया है और किसानों को पत्र का जवाब देकर एक बार फिर से बातचीत के लिये आमंत्रित किया है. लेकिन पहले सरकार ने किसानों से बातचीत की तारीख और समय तय करने को कहा था, लेकिन अब सरकार ने किसानों के दी हुई तारीख को एक दिन आगे खिसका दिया है. अब किसानों और सरकार के बीच में बातचीत 30 दिसंबर को होगी. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि बातचीत से हल निकलेगा.
30 दिसंबर को क्या होगा?
सरकार ने वार्ता की तारीख एक दिन आगे बढ़ा दी है. पत्र में सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के उन चारों एजेंडे पर बातचीत का जिक्र भी किया है. किसानों की तरफ से जब बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख तय की गई थी तो साथ ही साथ 29 दिसंबर की वार्ता विफल होने पर 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे जाम करने की घोषणा भी कर दी गई थी. सरकार ने अब 30 दिसंबर को 2 बजे वार्ता के लिए बुलावा भेजा है. ऐसे में अब बैठक के बाद आंदोलन क्या मोड़ लेता है ये देखने वाली बात होगी.
अमित शाह ने कर ली है रणनीति तैयार!
सरकार बुधवार को होने वाली बातचीत में एमएसपी पर नया फार्मूला पेश करेगी. गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से बात करने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ सोमवार को वार्ता की रणनीति तैयार की है. सरकार की रणनीति तैयार करने के लिए सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बीच मैराथन बैठक हुई. मंगलवार को भी वार्ता की तैयारी के संदर्भ में इसी तरह की उच्च स्तरीय बैठक होगी.