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किसान आन्दोलन: मोदी के लिए बड़ी चुनौती

farmers किसान आन्दोलन: मोदी के लिए बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में किसानों ने छोटे से मिनिमम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर आन्दोलन शुरु किया और इस आन्दोलन ने धीरे-धीरे हिंसक रुप ले लिया। हिंसक रुप हो जाने के कारण पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी और 6 किसानों की मौत हो गई।

farmers किसान आन्दोलन: मोदी के लिए बड़ी चुनौती

जबकि कई गंभीर रुप से घायल हो गए। उधर नासिक में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में भी किसान अपनी मांग को लेकर सरकार के सामने आ गए। बीजेपी सरकार जो की किसानों के आय को दोगुना करने का दावा करती थी उसके ही 4 राज्यों में ही किसान विरोध पदर्शन कर रहे हैं।

तो ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि जिस राज्य में बीजेपी की सरकार हैं वही आन्दोलन क्यों हो रहा हैं। साथ सही ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यूपी में किसानों की कर्जमाफी का पीएम मोदी का ऐलान बीजेपी के लिए 2019 का मिशन बन सकता हैं।

चार राज्यों में जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं उसके पीछे यूपी की योगी सरकार के उस फैसले को माना जा रहा हैं जिसमें किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की गई थी।

योगी सरकार के इस फैसले के बाद दूसरे राज्यों के किसानों में भी एक उम्मीद जगी ये उम्मीद अब जिद तक आ पहुंची हैं। महाराष्ट्र के किसानों ने फडनवीस सरकार को अपनी मांगो का प्रस्ताव भेजा किसान संगठनों के साथ उनकी बैठक भी हुई। किसानों ने आन्दोलन शुरु कर दिया बड़ी संख्या में किसानों ने आन्दोलन की शुरुआत कर दी बड़ी संख्या में किसान सड़को पर उतर आए।
महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी के अलावा कुछ और मागें

स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें लागू करना।
खेती के लिए बिना ब्याज के कर्ज दे सरकार।
60 साल के उम्र वाले किसानों को पेशन दी जाए।
दुध के लिए पॅति लीटर 50 रुपए मिलें।

 

आपकों बता दे कि ये सिर्फ 4 राज्य ही नहीं हैं जहां किसान परेशान हैं कर्ज के बोझ में दबा हुआ हैं हाल ही में तमिलनाडु के किसानों ने दिल्ली में संसद के सामने नग्न प्रदर्शन, पोशाब पिया तथा किसान की बेहाली का अंदाजा उन पर कर्ज के आकड़ो से
भी लगाया जा सकता हैं मौजूदा वक्त में देशभर में किसानों पर 12 लाख 60 हजार करोड़ का कर्ज हैं। ऐसे में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सरकार को भी किसानो का गुस्सा शांत करने के लिए योगी सरकार जैसे कदम उठाने पर विचार करना होगा अगर ऐसा नही हुआ तो किसानों की नाराजगी बीजेपी के मिशन 2019 में पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती के रुप में उभर सकता हैं।

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