पटना। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 26वां दिन है। किसान अपनी मांगो को लेकर दिल्ली के चारो ओर डेरा डाले हुए बैठे हैं। इसके साथ ही किसानों का आंदोलन हर दिन उग्र होता जा रहा है। इसके साथ ही देश के हर कोने से किसान दिल्ली में कूच कर रहे हैं। इसी बीच आज कुछ किसान नेता बिहार पहुंचे। जिसे देख ऐसा लगा रहा है कि बिहार में इस आंदोलन को हवा देने की कवायद मानी जा रही है। बिहार के किसानों को आन्दोलन से जोड़ने की कवायद लिए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और मुंबई ताज हमले और कारगिल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रामेश्वर शेओरान पटना पहुंचे। किसान आंदोलन की आवाज इस समय देश के हर कोने से उठ रही है।
जो किसान दिल्ली नहीं जा सकते वो बिहार में ही करें आंदोलन- चढूनी
बता दें कि पटना पहुंचे किसान नेताओं ने प्रस को संबोधित किया इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए चढूनी ने कहा कि दिल्ली के आंदोलन में बिहार के भी किसान शामिल हो क्योंकि इस कानून के तहत किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा। चढूनी ने आगे कहा कि बिहार के किसानों को भी जागृत होना होगा और दिल्ली पहुंच आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा। बिहार में खेती से आमदनी कम होती जा रही है और यहां के किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है। बिहार में धान का एमएसपी 1888 रुपए है लेकिन किसी को भी 1000 रुपए से ज्यादा नहीं मिल रहा है। सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है लेकिन क्या बिहार के किसानों को पंजाब जैसा रेट मिलेगा। चढूनी ने कहा कि एमएसपी तय करना और इस दाम पर खरीदारी करना अलग बात है। पटना पहुंचे किसान नेताओं ने बिहार के किसानों से आवाहन करते हुए कहा कि बिहार के किसान जो दिल्ली नहीं जा सकते वह बिहार में ही आंदोलन करें और हर जिला में किसान प्रदर्शन करके अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाएं।
अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने किसान आंदोलन को दलालों का आंदोलन कह दिया-
देश में चल रहे किसान आंदोलन पर बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के तेवर आज तल्ख नजर आए। अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को दलालों का आंदोलन कह दिया। मंत्री ने कहा कि देश में साढ़े पांच लाख गांव हैं, किस गांव का किसान आंदोलन कर रहा? अगर किसान आंदोलन करते तो पूरे देश में आंदोलन होता। क्या सिर्फ हरियाणा-पंजाब में ही किसान हैं, बिहार या दूसरे राज्यो में नहीं? हांलाकि बिहार के कृषि मंत्री के बयान पर सियासत तेज हो गई है और तरह तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरु हो गई हैं।