नई दिल्ली। देश में कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन करीब दो महीने से जारी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। किसान संगठन और सरकार के बीच हुई 11 दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकला है। इसके साथ ही किसान आंदोलन में कई किसानों ने अपनी जान गवां दी हैं। इसी बीच आज सिंघु बाॅर्डर से खबर आई है कि एक किसान संगठन के कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाले किसान का नाम रतन सिंह है। जिनकी उम्र 75 साल थी। जब उनकी मौत की खबर उनके गांव अमृतसर के उनके गांव कोटली ढोले शाह पहुंची तो लोगों में शोक की लहर दौड़ गई।
किसान आंदोलन में एक कार्यकर्ता ने कर आत्महत्या-
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को करीब दो महीने हो गए है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए बैठें हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई 11 दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इसके साथ ही आज एक किसान संगठन के कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली। अब तक इस आंदोलन में कई किसानों की मौत चुकी है। कल हुई किसान और सरकार की बैठक को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि वार्ता बेनतीजा रही जिसका हमें दुख है। किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाए, लेकिन सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही है। हमने 2 साल तक कानून को होल्ड करने की बात भी कही, लेकिन उसे भी नकार दिया गया।
ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली पुलिस ने नहीं दी इजाजत-
इसके साथ ही किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने की घोषणा की है। जिसके चलते ट्रैक्टर परेड का मसला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि पुलिस इस मसले को देखे। इसके पास इसके अधिकार हैं। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर परेड को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन किसान ट्रैक्टर परेड निकालने की जिद पर अड़े हुए हैं। हालांकि अभी तक दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं दी है।