तुर्की – तुर्की ने कहा है कि चीन की बनाई वैक्सीन बीमारी की रोकथाम में 83.5 फीसद प्रभावी है जबकि चीनी कंपनी सिनोवाक बायोटेक ने दावा किया था कि उसकी बनाई गयी कोविड वैक्सीन बीमारी की रोकथाम के लिए 91. 25 फीसद प्रभावी है।
इस शोध पर मुरत अकोवा का क्या कहना है –
बता दे कि तुर्की में शोधकर्ताओं ने अपने शुरुवाती शोध में पाया कि यह वैक्सीन वाकई बीमारी की रोकथाम के लिए 91. 25 फीसद प्रभावी है जबकि तीसरे और अंतिम परीक्षण में पाया कि चीनी कंपनी की यह दवा 91. 25 फीसद नहीं बल्कि 83.5 फीसद प्रभावी है। तुर्की में मानव परीक्षण के प्रमुख मुरत अकोवा ने बताया कि अंतिम प्रभाव की दर 41 संक्रमण पर आधारित थी और उनमें से 32 लोगों को प्लेसेबो दिया गया था। उन्होंने कहा कि मानव परीक्षण के दौरान वैक्सीन के असर की जांच दूसरी खुराक के 14 दिन बाद कम से कम एक लक्षण और पॉजिटिव पीसीआर टेस्ट की बुनियाद पर है।
सेरहट उनल का क्या कहना है इस चीनी वैक्सीन पर –
सरकार के एडवायजरी साइंस काउंसिल के सदस्य सेरहट उनल ने बताया कि मानव परीक्षण के दौरान कोई महत्वपूर्ण साइड-इफेट्स उजागर नहीं हुआ और वैसे भी तुर्की में इस वैक्सीन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और अब तक कोई गंभीर प्रभाव सामने नहीं आया इसलिए हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि ये वैक्सीन सुरक्षित हैं। बता दे कि तुर्की ने शुरुआती नतीजे में दिसंबर में 29 संक्रमण का एलान किया था और उसका असर 91.25 फीसद बताया था। शोध में ये बात साबित हो गयी हैं कि चीन की कंपनी अपनी कोविड वैक्सीन को लेकर जो दावा कर रही थी वो गलत था मगर बतादे की आज भी तुर्की में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। गौरतलब है कि शुरुआती नतीजे जारी होने के बाद जल्द ही इस चीनी वैक्सीन को तुर्की के अधिकारियों की तरफ से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी। तुर्की में पहले ही कोरोनावैक वैक्सीन के 9.32 डोज देश भर के लोगों को अभियान में लगाए जा चुके हैं और ये अभियान जनवरी के मध्य में शुरू हुआ था तथा अब तक, 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को दो डोज दी जा चुकी हैं।