लखनऊ: सोशल मीडिया पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग करने वाले लोगों को पहले चिन्हित कर अपना निशाना बनाते थे। इंजेक्शन तलाशने वालों के फेसबुक अकाउंट पर जाकर उन्हें इंजेक्शन दिलवाने का लिंक भेजकर अपने झांसे में लेकर मोटी रकम ऐठ रहे थे।
लेकिन जालसाजों की यह करतूत लंबे वक्त तक नहीं चल पाई और अमीनाबाद पुलिस ने पीड़ितों के सहयोग से नकली इंजेक्शन बेचने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन की नकली खेप बरामद हुई है।
आरोपितों ने पूछताछ में अपना नाम कश्मीरी मोहल्ला निवासी आमिर अब्बास और यहियागंज निवासी सौरभ रस्तोगी बताया है। आरोपितों के पास से 39 हजार रुपये नकद बरामद हुआ है।
एसएचओ आलोक राय का कहना है कि पकड़े गए आरोपितों के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। साथ ही आरोपितों ने कितने लोगों को नकली इंजेक्शन बेचा है उनका भी आंकड़ा निकाल रही है।
माल एवन्यू निवासी विपुल वैभव गौतम ने सोशल मीडिया पर देखकर एक शख्स से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए गुरुवार रात करीब आठ बजे संपर्क किया था। उस शख्स ने विपुल को छह इंजेक्शन देने का सौदा तीन हजार रुपये में तय किया था।
जब अपने दोस्त के लिए विपुल इंजेक्शन लेने के लिए अमीनाबाद स्थित प्रकाश कुल्फी पर गए तो वहां युवक खड़ा था। इंजेक्शन पर दवा के पैकेट पर स्पेलिंग देखकर उन्होंने अपने डॉक्टर सुलभ ग्रोवर से संपर्क कर उसकी तस्वीर वाट्सएप के माध्यम से उन्हें भेजी।
डॉ सुलभ ने इंजेक्शन देखकर उसमें कुछ झोलझाल बताया, जिसके बाद दोनों ने इंजेक्शन देने आए शख्स को ट्रैप में फंसा उससे 11 अतिरिक्त और इंजेक्शन देने को कहा। उनकी मांग पर उस युवक ने दोनों की तत्काल मांग पूरी करते हुए बाइक की डिग्गी से इंजेक्शन को सौंप दिया था।
अब्बास से इंजेक्शन मिलने के बाद दोनों लोगों ने मौके पर अमीनबाद पुलिस को कॉल कर बुला लिया था