मेरठ। यूपी के मेरठ से फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है यहां छावनी स्थित सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने सिविलियन के लिए सेना के फर्जी पेंशनर कागजात बनाने वाला गिरोह पकड़ा है। यह गिरोह देहरादून में पकड़ा गया जो एक कागजात बनाने के लिए 50 से 60 हजार रुपये लेते थे। मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने प्राथिमक तौर पर पांच लोगों को पकड़ कर एसटीएफ के हवाले किया। प्राथमिक जांच के बाद दो लोगों को छोड़ दिया गया और तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। आपको बतादें कि सैनिक छावनियों के आसपास सेना से जुड़े फर्जी कागजातों को बनाने का गिरोह लंबे समय से सक्रिय रहा है। समय.समय पर ऐसे गिरोह के लोग पकड़े भी गए हैं। सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में रघुवीर सिंह, विक्की थापा और भैरवतदत्त कोटनाला हैं। इनके पास से काफी अधिक मात्रा में पूर्व सैनिकों के फर्जी कागजात और आर्मी रबर स्टैंप मिले हैं, जिससे यह लोग फर्जी कागजात बनाया करते थे।
फर्जी कागजातों को बनाने का यह गोरखधंधा विदेशों में नौकरी भेजने वाले बड़े रैकेट से भी जुड़ा हुआ है। इन कागजातों का इस्तेमाल सिविलियन को गल्फ देशों में नौकरी दिलाने के लिए तैयार किया जाता है। खाड़ी देशों से अफगानिस्तान सहित आसपास के देशों में नौकरी के लिए इन्हें भेजा जाता है। मेरठ छावनी और देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक रहते हैं। क्षेत्र से बहुत से लोग दूसरे देशों में नौकरी के लिए आना-जाना भी करते हैं। मोटी रकम लेकर पूर्व सैनिकों की तर्ज पर फर्जी पेंशन कागजात बनाकर उन्हें विदेशों में नौकरी के लिए भेजा जाता है।