इस विधेयक के अनुसार, आंशिक तौर पर झूठे समाचार, सूचना, डेटा और रिपोर्ट को फेक न्यूज माना गया है। इसमें हर तरह की जानकारी शामिल है, फिर चाहे वह ऑडियो हो, विडियो हो या फिर कोई ग्राफिक्स। इस नए विधेयक के जरिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भी टारगेट किया गया है। इसका मतलब यह है कि फेक न्यूज बनाने या फैलाने वाला (चाहे मलयेशिया का नागरिक हो या फिर किसी अन्य देश का) अगर मलयेशिया या उसके नागरिकों के बारे में झूठी खबर फैला रहा है, तो सरकार उसके खिलाफ ऐक्शन ले सकती है।