गौतमबुद्ध नगरः उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने नोएडा में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। यहां कई दिनों से इंश्योरेंस के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी। पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिक सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि फर्जी कॉल सेंटर संचालक पहले इंश्योरेंस कंपनी में काम करता था। उसने कंपनी से ही डाटा कलेक्ट किया और फिर इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने लगा।
पुलिस ने बताया कि पिछले काफी से समय से एसटीएफ को सूचनाएं मिल रही थीं कि अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के ग्राहकों के साथ फोन पर लालच देकर ठगी की जा रही है। जिसके बाद एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल सिसोदिया ने टीम का गठन किया और साथ ही साइबर टीम को भी अलर्ट किया। इस बीच औरैया के एक युवक ने इंश्योरेंस के नाम पर हुई ठगी का मामला दर्ज कराया।
औरैया में दर्ज हुए केस की छानबीन शुरू की तो साइबर की मदद से एसटीएफ को जानकारी हुई कि नोएडा के बी 113 में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जाता है। जानकारी हाथ लगते ही उप निरिक्षक पंकज सिंह के नेतृत्व में एक टीम लखनऊ से नोएडा के लिए रवाना हो गई।
इस दौरान एसटीएफ ने सबसे पहले फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले दिलशाद को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला कि वह पहले इन्फोलाइन और इंश्योरेंस ब्रोकिंग कंपनी में बतौर टेलीकॉलर काम कर चुका है।
पूछताछ में दिलशाद ने बताया कि उसने पूर्व की कंपनियों से ग्राहकों का डेटा चुराया और फिर अपनी कंपनी में फर्जी उपयोग करने लगा। बड़ी स्कीम वाले ग्राहकों को भ्रमित कर उन्हें फर्जी स्कीम बताता और उनसे लाखों रूपए की ठगी करता।
बता दें कि पुलिस ने दिलाशाद के साथ उसके साथ अर्जुन को भी गिरफ्तार किया है। दिलशाद यूपी के बदांयू जिले का रहने वाला है, जबकि उसका साथी अर्जुन बिहार के समस्तीपुर जिले का रहने वाला है।