नई दिल्ली – देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ये कीमते कहा जाकर रुकेंगी ,कुछ कहा नहीं जा सकता। बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस मुद्दे पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को उपभोक्ताओं को उचित स्तर पर खुदरा ईंधन उपलब्ध कराने के लिए बात करनी चाहिए।
विपक्ष लगातार है सरकार पर हमलावर –
गौरतलब है कि वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे है। इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के राज में केवल महंगाई का विकास हो रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार शनिवार को पेट्रोल की कीमत में रिकॉर्ड 39 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 37 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई। और यह तेल कंपनियों द्वारा 2017 में कीमतों की दैनिक समीक्षा शुरू किए जाने के बाद एक दिन में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।
मलकीत सिंह की सरकार को चेतावनी –
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने केंद्रीय करों में कटौती करके डीजल की कीमतों में तुरंत कमी करने की मांग की है। उन्होंने कहा वैल्यू एडेड टैक्स में कटौती के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को तुरंत एडवाइजरी जारी करनी चाहिए और पूरे देश में डीजल की कीमत बराबर होनी चाहिए। सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी मांग को पूरा करने के लिए सरकार को 14 दिन का समय दिया है। अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हमारे पास देशभर में रोड ट्रांसपोर्ट सर्विसेज रोकने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। साथ ही आपको ये भी बता दे कि पेट्रोल की खुदरा कीमत में केंद्र और राज्य के करों का हिस्सा 61 फीसदी है जबकि डीजल की कीमत में यह 56 फीसदी है। उदाहरण के लिए दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत में सेंट्रल एक्साइड ड्यूटी 32.9 रुपये और स्टेट वैल्यू एडेड टैक्स 20.61 रुपये है। पेट्रोल की बेस कीमत, फ्रेट और डीलर कमीशन का कुल हिस्सा 35.78 रुपये है।