बागपत। गुरुवार को यूपी के बागपत में हुए नाव हादसे में अभी तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन नाव हादसे में जिंदा बचे लोगों से जब बात की गई तो पता लगा कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार हो रखे थे जिस कारण यह हादसा हुआ है। इस हादसे में जिंदा बचे एक युवक से बात करने पर खुलासा हुआ कि कई बार नाव चालक से बोलने के बाद भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया था।
युवक ने बताया कि नाव जब दूसरे किनारे की ओर चली तब डगमगाने लग गई थी जिससे साफ अंदाजा लगाया जा रहा था कि नाव नदी को पार नहीं कर पाएगी। युवक ने बताया कि नाव के डगमगाने के बाद नाव को वापिस मोडना चाहा था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और नाव एक ओर काफी झुक गई थी। युवक ने बताया कि कुछ देर में लोग एक दूसरे को ऊपर गिरने लग गए थे और सभी धीरे धीरे सभी नदी में गिर गए। युवक ने बताया कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला।
युवक ने बताया कि नाव में काफी महिलाएं भी थी। लोग बल्लियों के सहारे अपनी जान बचाने लग रहे थे। वही दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि घटना के काफी देर बाद राहत बचाव कार्य शुरू हुआ। जिस कारण ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष देखा जा रह है। राहत बचाव कार्य का देर से पहुंचने पर ग्रामीणों ने जबरदस्त हंगामा कर दिया।
ग्रामीणों को गुस्सा अपने चरम पद पर पहुंच गया और गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया, यहां तक की पुलिस ने कई सारी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। ग्रामीणों में इतना गुस्सा था कि वह डीएम को भी अपने निशाने पर लेना चाह रहे थे। कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार सुबह काठा गांव के सामने नदी पार करने के चक्कर में एक नाव पलट गई थी। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग लापता हो गए हैं। जानकारी के अनुसार जिस वक्त यह हादसा हुआ तब नाव में करीब 50 लोग सवार थे।