कोलकाता। महिंद्रा इलेक्ट्रिक को उम्मीद है कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लक्जरी सेगमेंट में नहीं रखेगी, क्योंकि ये प्रदूषण मुक्त परिवहन को बढ़ावा देते हैं। कंपनी के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश बाबू ने कहा, “ऐसी नई तकनीक को लक्जरी सेगमेंट में नहीं रखना चाहिए, जो प्रदूषणमुक्त परिवहन और आम लोगों के लिए बना हो। न सिर्फ महिंद्रा बल्कि अन्य वाहन निर्माता भी सरकार को इस पर लक्जरी कर नहीं लगाने के लिए अभ्यावेदन दे रहे हैं। मैं नहीं समझता कि सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों को लक्जरी सेगमेंट में रखने का इरादा है।”
उन्होंने कहा कि किसी उत्पाद की कीमत के आधार पर उसे लक्जरी आइटम की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए।
कंपनी के उपाध्यक्ष और बिक्री व विपणन प्रमुख धमेंद्र मिश्रा ने कहा, “कोई उत्पाद लक्जरी या किफायती खंड में है, इसे निर्धारित करने के कई कारक होते हैं। हमारा मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को लक्जरी आइटम नहीं माना जा सकता। हमें आशा है कि जीएसटी को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उचित तरीके से डिजाइन किया जाएगा।”