आजकल के लाइफस्टाइल के चलते दिल का दौरा पड़ने जैसे खतरे अब आण हो चुके हैं लेकिन थोड़ी सी सावधानी से इन खतरों को टाला जा सकता है। एक शोध के अनुसार व्यायाम करने से निष्क्रिय व थका हुआ दिल फिर से तरोताजा हो जाता है। लेकिन इसके साथ शर्त है कि व्यायाम सही समय पर व पर्याप्त समय तक किया जाए। इससे दिल के दौरे का खतरा भी कम हो जाता है।
टेक्सास हेल्थ रिसोर्स के हृदय रोग विशेषज्ञ ने इस पर अध्ययन किया है। लेकिन यह व्यायाम 65 साल की उमर से पहले शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि इस दौरान दिल के पास पुराने स्थिति में आने की क्षमता होती है। इस अध्ययन के दौरान यह भी पाया गया कि व्यायाम सप्ताह में चार-पांच बार किया जाना चाहिए। अध्ययन में यह भी पाया गया कि उमर बढ़ने के साथ मांसपेशियों में जड़ता आ जाती है। इससे ब्लडप्रेसर भी बढ़ जाता है ब्लड फेफड़े में प्रवेश करने लगता है।
इससे पूर्व अध्ययन में पाया गया था कि दिल की बाईं धमनी में जकड़न आ जाने से व्यक्ति फिट नहीं रह सकता क्योंकि दिल के द्वारा सही मात्रा में अॉक्सीजनयुक्त रक्त छोड़ा नहीं जा सकता। लेकिन उचित व्यायाम करने से धमनी सही हो जाती है। निष्कर्ष के तौर पर देखा गया कि अधेड़ उम्र में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन नियमित व्यायाम से इसे ठीक किया जा सकता है।