लखनऊ: सरकार और जनता के सहयोग से चलने वाले मिशन सहकारिता को फिर से जिंदा करने की जिम्मेदारी मोदी सरकार ने यूटी कैडर के आईएएस अफसर रहे डॉ. सुधीर महाजन को दी है।
पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. सुधीर महाजन को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी समिति यानी NCUI हाट का चीफ एग्जीक्यूटिव बनाया गया है। इन्होंने अपना कार्यभार 1 मार्च, 2021 को संभाला। डॉ. सुधीर महाजन ने भारत खबर से खास बातचीत करते हुए सहकारिता के अर्थ और एनसीयूआई के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।
सहकारिता शब्द का बताया अर्थ
डॉ. सुधीर महाजन ने सहकारिता शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि, जितने एक मानसिकता वाले लोग होते हैं, जो किसी भी बिजनेस सेक्टर में इंटर करना चाहते हैं तो वह सब मिलकर एक कॉमेंट परपज में उसमें अपना योगदान देते हैं। उसी से उनको जो कॉमन लाभ मिलता है, वह सभी में बराबर बंट जाता है। मूल रूप से साझेदारी, सहयोग, समूह इसके संघटक भाग हैं, जो इसकी कोर फिलॉसफी है। उन्होंने कहा कि, जहां कॉर्पोरेशन का धारणा आ जाती है, वहां अनुकूलता, सहयोग, स्वामित्व और सहभाजन की भावना आ जाती है। इसकी वजह से यह बिजनेस मॉडल हमेशा स्थिर रहते हैं।
यूटी कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि, एनसीयूआई का मुख्य उद्देश्य किसी को शिक्षित करना, उन्हें ट्रेनिंग देना, उसकी वकालत करना और नेटवर्किंग करना है। उन्होंने कहा कि, सहकारिता जमीनी कार्यकर्ता को ही लाभ देने के लिए बने थे और उसका लक्ष्य ही यही था कि सब लोग इकट्ठा होकर किसी उद्यम के लिए सहयोग कर सकें। एनसीयूआई का भी यही रोल रहा है।
पूरे देश में तैयार करेंगे सहकारिता का मजबूत नेटवर्क: डॉ. सुधीर महाजन
डॉ. सुधीर महाजन ने बताया कि, यह एक प्रमोशनल ऑर्गेनाइजेशन है, जो पंक्ति के अंतिम आदमी का भी सहारा बनेगी। उन्होंने कहा कि, हम पूरे देश में सहकारिता का मजबूत नेटवर्क तैयार करेंगे। संवाद और सहयोग से आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करेंगे। पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि, हम लोगों को जागरूक करके और तकनीकी शिक्षा देकर मजबूत करेंगे और एनएसयूआई हाट देशभर के कारीगरों के उत्पादों को पहचान दिलाएगा।
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