पर्यटन

विदेशी मुद्रा आय से पर्यटन में उत्साहवर्द्धक वृद्धि

aaaaa विदेशी मुद्रा आय से पर्यटन में उत्साहवर्द्धक वृद्धि

नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 2016 के दौरान पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय में हुई वृद्धि की रिपोर्ट को साझा किया है। इसमें बताय गया है कि कैसे 2014 और 2015 की तुलना में 2016 में पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय में विश्व के मुकाबले में भारत ने उच्च स्तरीय प्रदर्शन किया है।

aaaaa विदेशी मुद्रा आय से पर्यटन में उत्साहवर्द्धक वृद्धि

2014 में पर्यटन से होने वाली आय 1,23,320 करोड़ रही जबकि 2015 में यह 1,35,193 करोड़ रही। यह आय 2016 में बढ़कर 1,55,650 करोड़ हो गई। 2015 की तुलना में 2016 के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा आया में 15.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। विश्व के मुकाबले में भारत का उच्च स्तरीय प्रदर्शन किया है। हाल के रुझान दर्शाते हैं कि विदेशी मुद्रा आय में भारत की वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियों में विश्व की वृद्धि की तुलना में विदेशी मुद्रा आय में भारत की वृद्धि उच्चत्तर रही है।

भारत सरकार को वित्तीय वर्ष 2016-17 में विदेशी पर्यटकों से 14953 करोड़ रुपए की विदेसी मुद्रा से आय हुई हैं जबकि पिछले साल यह 13115 करोड़ रुपए ती और 2014-15 में यह आय 111333 करोड़ रुपए थी भारत सरकार विदेशी पर्यटकों को निरतंर नए पर्यटक स्थलों की तरफ से आकर्षित करने की योजनाएं बना रहा हैं। विदेशी पर्यटको की सुरक्षा एवं उनको पर्यटक स्थल की सही एवं प्रमाणिक सूचनाएं उन्ही की भाषा में उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की हैं।

इसके पहले पर्यटन मंत्रालय ने 2016 के दौरान घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों की संख्या में हुई वृद्धि की रिपोर्ट को साझा की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में घरेलू पर्यटकों की संख्या 2015 की तुलना में 2016 में 12.68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं विदेशी पर्यटक यात्राओं (एफटीवी) की संख्या 2015 की तुलना में 2016 में 5.92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

Related posts

दुनिया के सबसे सस्ते टूरिस्ट स्पॉट-क्या आपने घूमें

mohini kushwaha

वीओ चिदम्बरनार पोर्ट ट्रस्ट, तूतीकोरिन ने पोत में सीधे प्रवेश सुविधा के लिए केन्द्रीय भंडार निगम से समझौता किया

bharatkhabar

चेन्नई की तर्ज पर भोपाल में भी बनेगा इंटरनेशनल आर्ट म्यूजियम, पेंटर श्रीथर देंगे थ्रीडी आकार

rituraj