मध्यप्रदेश राज्य

मंदसौर का गांव तरनौद बना गौ पालन के लिए मिसाल

गाय मंदसौर का गांव तरनौद बना गौ पालन के लिए मिसाल

मंदसौर। लावारिस गायों की समस्या बढ़ रही है। अभी तक इसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए है। ऐसी स्थिति में सुवासरा तहसील के ग्राम तरनौद मिसाल बनकर उभरा है। यहां सरपंच और ग्रामीणों ने पहल कर हर घर में गोपालन का संकल्प लिया है। इससे गांव में अब कोई गाय लावारिस नहीं है। करीब 225 घर और 1300 लोगों के इस गांव में कुछ दिनों पहले हर जगह लावारिस गायें घूमती रहती थीं। कभी किसी के खेत में नुकसान करती तो कभी आने जाने वाले को नुकसान पहुंचाती।

गाय मंदसौर का गांव तरनौद बना गौ पालन के लिए मिसाल

बता दें कि तंग आकर लोगों ने पंचायत स्तर पर इस समस्या का समाधान करने के लिए बैठक की। इसमें तय हुआ कि जिन्होंने अपने गायें छोड़ रखी हैं। पहले वे लोग उन्हें वापस लाकर पालें। लोगों ने पंचायत की बात मानी और अपनी अपनी गायों को वापस घरों में ले आए। इसके बाद गांव में करीब अस्सी से ज्यादा लावारिस गायें बच गईं। समस्या फिर वहीं की वहीं थी। कि आखिर उन लावारिस गायों का वारिस कौन है और उन्हें कौन अपने साथ ले जाएगा।

साथ ही इस पर पंचायत ने फिर बैठक की और उन लोगों को भी गायें पालने के लिए कहा जिनके पास गायें नहीं थी। सभी लोगों ने संकल्प ले लिया लेकिन एक संकट यह था कि कुछ किसानों ने अपने यहां चारा बचाकर नहीं रखा क्योंकि मवेशी नहीं थे। इस पर सरपंच दरबारसिंह मंडलोई ने समाधान करने के लिए उन सभी किसानों से संपर्क किया जिनके पास जरूरत से ज्यादा चारा है। उन्हें प्रेरित किया कि वे उन किसानों को चारा दे। जिनके पास नहीं है। सरपंच ने बताया कि गांव में दस से बारह घर ही ऐसे हैं जिनके पास गाय नहीं है। इसका कारण है कि उनके पास खेत या जमीन नहीं है या फिर गायों को रखने के लिए जगह नहीं है।

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