लखनऊ। सरकार की तरफ से छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। जिससे छात्रों को फायदा मिल सके। इसके साथ ही जब छात्र विश्वविद्यालयों ओर देखते है तो उन्हें निराशा हाथ लगती है। क्योंकि आए विश्वविद्यालय की तरफ से कोई न कोई छात्र विरोधी काम दिखाई देते हैं। ऐसा ही कुछ आज डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी में देखने को मिला है, जहां की परीक्षा समिति ने एक ऐसा छात्र विरोधी फैसला लिया है। जिसमें गलती तो परीक्षक करेगा लेकिन वसूली निर्दोष छात्रों से होगी। परीक्षा समिति द्वारा किए गए इस छात्र विरोधी फैसला का सभी छात्र विरोध कर रहे हैं। यह फैसला निर्दोष छात्रों को परीक्षक की गलती का दंड देने के लिए बनाया गया है।
परीक्षक की सजा छात्र को-
बता दें कि प्रदेश में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से लगभग 755 कॉलेज सम्बद्ध हैं। इनमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर समेत अन्य कोर्सेज चलते हैं। इसके साथ ही इन कॉलेजों में करीब 2 लाख 10 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। परीक्षा समिति के फैसले से इन छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। हाल ही में AKTU की परीक्षा समिति ने ये फैसला लिया है कि परीक्षा परिणाम आने के बाद अगर किसी छात्र को लगता है कि उसकी कॉपी ठीक से चेक नहीं हुई, उसे कम नंबर मिले हैं तो वो चैलेंज इवैल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकता है। इसमे रिजल्ट आने के 45 दिन में छात्र को 300 रुपये शुल्क देकर आवेदन करना होगा। इसके बाद AKTU छात्र को उसकी आंसर शीट स्कैन कर मेल पर भेजेगा। इसके साथ ही अगर छात्र को अपनी आंसर शीट देखने के बाद यकीन हो जाता है कि उसकी कॉपी ठीक चेक नहीं हुई यानी किसी आंसर को सही से चेक नहीं किया गया या जितने नंबर मिलने चाहिए थे। उससे कम मिले हैं तो वो अपनी कॉपी दोबारा चेक कराने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए उसे 2500 रुपये शुल्क जमा करना होगा। इसके बाद विश्वविद्यालय उस कॉपी को दूसरे एक्सपर्ट से चेक कराएगा।
जानें इस मामले पर AKTU के कुलपति ने क्या कहा-
वहीं आंसर शीट दोबारा चेक होने पर अगर छात्र के अंक 20 फीसदी से अधिक बढ़ जाते हैं तो 1000 रुपये काटकर 1500 रुपये वापस कर दिए जाएंगे। यानी इन सब में विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स से लिए 300 डिजिटल कॉपी के और 1000 बाद में वापस नहीं करेगा। वहीं इस मामले पर AKTU के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने कहा कि चैलेंज इवैल्यूएशन के लिए कॉपी दूसरे एक्सपर्ट पास भेजी जाती है। इसके लिए उसे अलग से पेमेंट करना होता है। उसी पेमेंट का शुल्क स्टूडेंट से काटा जा रहा है। हालांकि, गलत कॉपी जांचने वाले को भी सजा देते हुए आगे के लिए डिबार किया जाता है।