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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को दिए तीन सुझाव

मनमोहन सिंह

कोरोना काल के चलते पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था एक बड़ी समस्या बन गई है। भारत भी महामारी के चलते अर्थव्यवस्था की समस्या से जूझ रहा है कोरोना काल ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। देश की अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए तमाम तरह के प्रयास भी किए जा रहे हैं लेकिन कोरोना काल के चलते देश के तमाम बड़े क्षेत्रों में भारी गिरावट देखने को मिली है जिसकी वजह से यहां सभी क्षेत्र मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। समस्या बनी महामारी देश के तमाम तरह के क्षेत्रों पर भी अपना असर दिखा रही है जिसकी वजह से आमजन भी परेशानी के दौर से गुजर रहा है। लोगों के सामने रोजगार एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है और यह सरकार के लिए भी चुनौती बन गया है। देश में बड़े स्तर पर लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है लोगों को आर्थिक तंगी से बचाने के लिए सरकार भी प्रयास कर रही है लेकिन सरकार भी आर्थिक तंगी का सामना कर रही है जिसकी वजह से लोगों को रोजगार और आर्थिक मदद देना बड़े स्तर पर संभव नहीं है। सरकार इस प्रकार के मुश्किल दौर से बचने के लिए निवेश भी कर रही है ताकि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को लाभ कमा कर बचाया जा सके। सरकार ने कई बड़े उद्योगों को सहायता देने का काम भी किया है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने दिए सुझाव

कोरोना काल में हुई आर्थिक मंदी को लेकर देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कहना है कि सरकार को आर्थिक तंगी से बचने के लिए और अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए आने वाले समय में बड़े कदम उठाने होंगे इसी के साथ उन्होंने सरकार को 3 बड़े कदम उठाने का सुझाव दिया है उन्होंने कहा है कि सरकार को सबसे पहला काम यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों का जीवन किस प्रकार से सुरक्षित रहे। लोगों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता देकर उनके खर्च करने की क्षमता को बनाए रखा जाए। इसके अलावा उन्होंने दूसरा सुझाव यह दिया कि सरकार को सरकारी क्रेडिट गारंटी कार्यक्रमों के जरिए व्यापार व उद्योगों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने चाहिए। साथ ही उन्होंने तीसरा सुझाव यह देते हुए कहा कि सरकार को फाइनेंसियल सेक्टर में संस्थागत स्वायत्तता और प्रक्रियाओं के जरिए सुधार लाना होगा पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इसे इकनॉमिक डिप्रेशन नहीं कहेंगे लेकिन देश में एक लंबे समय से एक गहरा आर्थिक संकट आना निश्चित था। जिसके बाद देश एक मुश्किल दूर से गुजरेगा और इससे बचाने के लिए तमाम तरह के बड़े कदम उठाने होंगे।

आरबीआई गवर्नर ने भी जताई चिंता

देश की अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक भी अपनी तरफ से तमाम तरह के प्रयास कर रहा है साथ ही उसका कहना है कि कोरोना काल के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो सकती है यह बात आरबीआई के गवर्नर ने कही है इसी के साथ उन्होंने इसको लेकर बड़ी चिंता भी जताई है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर महामारी पर पहले ही काबू पा लिया जाता है तो इस प्रकार के संकट से बचा जा सकता है जो देश के लिए एक बेहतर अवसर बनकर उभरेगा। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर यह लम्बा चलेगा और मानसून का प्रभाव भी सही नहीं होगा तो वैश्विक स्तर पर बाजार में उठापटक के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव देखा जाएगा।

लोगों का जीवन हुआ अस्त व्यस्त

कोरोना काल में लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करके रख दिया है। लोगों के लिए अपना गुज़ारा करने भी एक एक बड़ी समस्या बन गया है। लोग अब छोटे मोटे काम करके अपने जीवन को गुज़ार रहे है। ऐसे भी लोग है जिनके पास किसी भी प्रकार का काम नहीं है। उनके लिए जीवन को गुज़र बसर करने एक चुनौती बन गया है। लोग सरकार से उम्मीद लगाए हुए बैठे हुए है। लेकिन सरकार भी खुदको आर्थिक तंगी से बचने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है। जो लोग दूसरे शहरों में रहकर काम कर रहे थे वो अब अपने घरों में रह रहे है जिसकी वजह से अब उनके पास किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं है और वो अब परेशान है वो इंतज़ार कर रहे है कि कब ये महामारी हटे और कब वो अपने काम पर वापस जाएं और उनके हालात सुधर पाएं।

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