कानपुरः मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की मौत के 11 महीने बीत चुके हैं लेकिन विकास दुबे के इलाके में उसके नाम का भूत का आज भी जिंदा है। बिकरू गांव के लिए विकास दुबे का नाम स्टेस्ट सिंबल बन चुका है। गांव की पहचान अब बिकास दुबे के नाम से ही होती है।
विकास दुबे का भूत
बिकरु गांव में चुनी गई नई महिला प्रधान को अब यही बात सबसे ज्यादा परेशान कर रही है कि गांव वालों के दिमाग से विकास दुबे के भूत को कैसे निकाला जाए। 25 साल बाद गांव में लोकतंत्र का उदय हुआ है। 25 साल तक विकास ने इस गांव में निर्विरोध प्रधान दिए।
विकास से है गांव की पहचान
नवनिर्वाचित प्रधान का मानना है कि अगर गांव का विकास करना है तो सबसे पहले लोगों के दिमाग से विकास दुबे का नाम मिटाना होगा। गांव की पहचान स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता से होनी चहिए न कि विकास दुबे के नाम से।
पुलिस को उतारा था मौत के घाट
बता दें, अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुंडों के साथ मिलकर आठ पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को मार गिराया। इस पूरे मामले में पुलिस ने 37 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। साथ ही कोर्ट 43 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।