लखनऊ। तीन जनपदों में स्थित औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव ने बाकी बचे जनपदों के औद्योगिक क्षेत्र के विकास का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दे दिये हैं।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एमएसई सीडीपी (माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट) योजना के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों के औद्योगिक आस्थानो में अवसंरचनागत विकास किया जायेगा।
औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के सुदृढ़ होने से उद्यमियों एवं व्यापारियों को लाभ होगा। औद्योगिक क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं बेहतर होंगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजागार का सृजन भी होगा।
अपर मुख्य सचिव आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एमएसई-सीडीपी योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन जनपदों जौनपुर, लखनऊ, तथा फर्रूखाबाद के औद्योगिक आस्थानों के विकास के लिए भारत सरकार के तकनीकी आर्थिक मूल्यांकन समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शीघ्र ही इन जनपदों के औद्योगिक आस्थानों में अपग्रेडेशन का कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी प्रकार प्रदेश के अन्य सभी जनपदों के औद्योगिक आस्थानों के अपग्रेडेशन के लिए डीपीआर बनाकर यथाशीघ्र भारत सरकार को भेजा जाये।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि एमएसई-सीडीपी योजना के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थानों में अवसंरचनागत विकास होने से औद्योगिक वातावरण सृजित होगा। जिससे प्रदेश के अंदर औद्योगिक गतिविधियों को और अधिक बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक आस्थानों के अपग्रेडेशन के लिए भारत सरकार द्वारा 80 प्रतिशत अधिकतम 10 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। शेष 20 फीसद अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अवसंरचना विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थानों में सीमेंटेड रोड व ड्रेनेज सिस्टम, वाटर हार्वेस्टिंग तथा ट्वालेट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।