मातृभाषा में शिक्षा का जोर देते हुए, सरकार ने अगले शैक्षणिक वर्ष से क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा, विशेष रूप से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम प्रदान करने का निर्णय लिया है. कुछ IIT और NIT को इसके लिए शॉर्टलिस्ट किया जा रहा है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक ने ये भी निर्णय लिया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) स्कूल शिक्षा बोर्डों में मौजूदा परिदृश्य का आकलन करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम के साथ आएगी.
इसके लिए मंत्रालय ने कुछ आईआईटी (IITs) और एनआईटी (NITs) को सूचीबद्ध भी किया है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) जो जेईई (मुख्य) और नीट आयोजित कराती है, वह प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस भी तैयार करेगी. साथ ही यूजीसी को भी निर्देशित किया गया है कि समय पर ही छात्रवृत्ति का वितरण हो और उसके लिए एक हेल्पलाइन भी जल्द शुरू की जाए और छात्रों की सभी शिकायतों का तुरंत हल किया जाए.
एनटीए ने पिछले महीने 2021 से हिंदी और अंग्रेजी के अलावा नौ क्षेत्रीय भाषाओं में जेईई (मुख्य) आयोजित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी. हालांकि, आईआईटी ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. आईआईटी औऱ एनआईटी के फैसले के बाद ही यह निर्णय अंतिम माना जाएगा.
क्षेत्रीय भाषाओं में संकाय और अध्ययन सामग्री को कई आईआईटी और एनआईटी द्वारा एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जाता है, जहां कई संस्थानों के प्रमुखों ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की है.